महाराष्ट्र की पुलिस ने गौतम नवलखा की ग़िरफ़्तारी को आतंकवादियों से संबंध क्यों बता दिया? क्या वह 'अर्बन नक्सल' की बात साबित नहीं कर पाई इसलिए? भीमा कोरेगाँव हिंसा से शुरू कर आतंकवाद से इसे क्यों जोड़ दिया गया? देखिए 'आशुतोष की बात' में क्या है सच!
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।