उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट सवाल पूछ रहा है। दबाव के बीच उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा रद्द की जा चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी भी कोरोना की तीसरी लहर के ख़तरे को देखते हुए भीड़ नहीं करने, मास्क पहनने और कोरोना नियमों का पालन करने की नसीहत दे रहे हैं। तो फिर यूपी सरकार इसके उलट धारा में क्यों चल रही है? तीसरी लहर की आशंका को दरकिनार कर कांवड़ यात्रा की पूरी तैयारियाँ की जा रही हैं। उत्तराखंड में पाबंदी लगाई गई है तो गढ़मुक्तेश्वर और बुलंदशहर के अहार से कांवड़ की तैयारियाँ की जा रही हैं। पुलिस रूट प्लानिंग बना रही है तो दूसरा अमला मार्गों की साफ़-सफ़ाई में जुटा है। आख़िर अदालत, प्रधानमंत्री की सलाह और महामारी वैज्ञानिकों की चेतावनी का डर यूपी सरकार को क्यों नहीं है?
कोर्ट की चेतावनी, प्रधानमंत्री की नसीहत के बाद भी यूपी में कांवड़ की तैयारी क्यों?
- देश
- |
- 15 Jul, 2021
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा की तैयारी क्यों? क्या योगी सरकार तीसरी लहर नहीं आने को लेकर निश्चिंत है? क्या अदालतों की चेतावनियाँ, प्रधानमंत्री की सलाह कोई मायने नहीं रखतीं?

इस पूरे मामले में योगी सरकार के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं। लेकिन इससे पहले यह जान लें कि उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर चल क्या रहा है। पुलिस कांवड़ यात्रा के लिए तैयारियों में जुटी है। रूट प्लानिंग से लेकर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है। 'हिंदुस्तान' की रिपोर्ट के अनुसार गढ़मुक्तेश्वर और बुलंदशहर के अहार से जुड़ने वाले मार्गों पर लाइट लगाने, झाड़ियों को हटाने और टूटी रेलिंग सही कराने का काम शुरू कर दिया गया है। ज़िले के अधिकारियों ने रूट मार्च किया। बता दें कि प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशांबी के कांवड़िए आमतौर पर बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए जाते हैं।