कांग्रेस ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह ही तेलंगाना में भी किसानों का कर्ज़़ माफ़़ करने का वादा किया था। चुनाव घोषणापत्र और प्रचार में ‘कर्ज़़ माफ़़ी’ को ही सबसे ज़्यादा उछाला गया। कर्ज़माफ़ी के कांग्रेसी वादे का असर हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में तो साफ़ दिखा, लेकिन तेलंगाना में इसका कोई असर नहीं हुआ। बड़ी बात तो यह है कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने सिर्फ 1 लाख रुपये तक का कर्ज़ माफ़ करने का वादा किया था, जबकि कांग्रेस ने 2 लाख का। बावजूद इसके टीआरएस की शानदार जीत हुई और कांग्रेस की क़रारी हार।