पेगासस सॉफ़्टवेअर के ज़रिए जासूसी का जाल कितना फैला हुआ था, इसे इससे समझा जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट तक इससे नहीं बच पाया। सर्वोच्च अदालत की रजिस्ट्री के दो वरिष्ठ कर्मचारी और कुछ वरिष्ठ वकीलों के मुवक्क़िल तो पेगासस सॉफ्टवेअर की नज़र में थे ही, एक जज का पुराना फोन नंबर भी उसके रिकॉर्ड में था।
सुप्रीम कोर्ट पर भी थी पेगासस की नज़र
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- 4 Aug, 2021
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के दो लोगों, कई वरिष्ठ वकीलों के मुवक्क़िलों के फ़ोन नंबर के अलावा एक जज का पुराना फोन नंबर भी एनएसओ के लीक हुए डेटाबेस में पाया गया है।

बता दें कि फ्रांसीसी मीडिया ग़ैर-सरकारी संगठन फॉरबिडेन स्टोरीज़ ने स्पाइवेअर पेगासस बनाने वाली इज़रायली कंपनी एनएसओ के लीक हुए डेटाबेस को हासिल किया तो पाया कि उसमें 10 देशों के 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों के फ़ोन नंबर हैं।
इनमें से 300 भारतीय हैं। इस संगठन ने 16 मीडिया कंपनियों के साथ मिल कर इस पर अध्ययन किया। इसमें भारतीय मीडिया कंपनी 'द वायर' भी शामिल है।
'द वायर' ने कहा है कि एनएसओ के लीक हुए डेटाबेस में रजिस्ट्री के दो लोग एन. के गांधी और टी. आई. राजपूत के फ़ोन नंबर भी शामिल थे। जब इनके फ़ोन नंबर एनएसओ की इस सूची में जोड़े गए तो वे दोनों सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के रिट याचिका सेक्शन में थे।