सरकार के किसी फ़ैसले से असहमत होना या उसकी आलोचना करना लोगों का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने ही गुरुवार को यह फ़ैसला दिया है। इसने असहमति के अधिकार की पैरवी करते हुए कहा कि हर आलोचना अपराध नहीं है और अगर ऐसा सोचा गया तो लोकतंत्र बच नहीं पाएगा। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस को संविधान द्वारा दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में संवेदनशील होना चाहिए।