पांच न्यायाधीशों की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने समलैंगिक विवाह पर जो फ़ैसले दिए हैं उनमें समलैंगिक जोड़ों के लिए गोद लेने के अधिकार का सवाल भी शामिल है। इस पर जजों में असहमति थी। गोद लेने के अधिकार के सवाल पर पीठ ने 3-2 से फैसला सुनाया। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एसके कौल समलैंगिक जोड़ों के गोद लेने के अधिकार के पक्ष में थे, जबकि न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति हिमा कोहली इससे सहमत नहीं थे। यानी समलैंगिक जोड़ों को गोद लेने का अधिकार नहीं होगा।
समलैंगिक जोड़े क्या गोद ले सकते हैं? बहुमत के फ़ैसले में SC ने कहा- ना
- देश
- |
- 29 Mar, 2025
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उनगे गोद लेने के अधिकार के सवाल पर भी सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला दिया है। जानिए, अदालत ने क्या कहा।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपने फ़ैसले में कहा कि संबंध में होने का अधिकार यौन झुकाव के आधार पर प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने फैसला सुनाया कि समलैंगिक जोड़े सहित अविवाहित जोड़े संयुक्त रूप से एक बच्चे को गोद ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि कानून यह नहीं मान सकता कि केवल विषमलैंगिक जोड़े ही अच्छे माता-पिता हो सकते हैं और ऐसा करना भेदभाव होगा।