विशेष विवाह अधिनियम के तहत समलैंगिक शादी को मान्यता मिलेगी या नहीं, इसकी सुप्रीम कोर्ट जाँच करेगा। समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मंगलवार को कहा कि वह पर्सनल लॉ के क्षेत्र से दूर रहेगी। लेकिन इसके साथ ही इसने यह भी कहा कि अदालत केवल इस बात की जांच करेगी कि क्या विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत अधिकार दिया जा सकता है।
विशेष विवाह एक्ट के तहत समलैंगिक शादी संभव या नहीं, जाँचेगा सुप्रीम कोर्ट
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- 18 Apr, 2023

समलैंगिक संबंधों को जब क़ानूनन वैध माना गया था तो यह कयास लगाया जाने लगा था कि क्या अब समलैंगिक शादी के हक की लड़ाई लड़ी जाएगी? हुआ भी यही। सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई शुरू हुई है। जानिए क्या दलीलें दी गईं।
अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब उसके सामने यह तर्क दिया गया कि शादी का एक 'बायोलॉजिक मैन यानी जैविक पुरुष' और एक 'बायोलॉजिक वुमन यानी जैविक महिला' के बीच संबंध' रहा है। इस पर शीर्ष अदालत ने भी टिप्पणी की कि एक पुरुष या महिला की 'कोई पूर्ण अवधारणा नहीं है'।