जिस आफ़ताब ने श्रद्धा वालकर की हत्या की और क़रीब 35 टुकड़े कर उन्हें 18 दिन तक फेंकता रहा, उसकी मनोदशा कैसी थी? क्या वह जिस तरह के संबंधों में साथ आया था वैसा ही व्यवहार बाद में भी बना रहा? शव के टुकड़े करने की हद तक हैवानियत करने वाले शख्स का श्रद्धा के प्रति हत्या से कुछ महीने पहले का रवैया कैसा रहा था? अब इसी को लेकर श्रद्धा के क़रीबी दोस्तों ने खुलासा किया है।
श्रद्धा से अपनी बातचीत के आधार पर उनके दोस्तों ने कहा है कि आफताब के साथ उसके रिश्ते कई बार ख़राब हुए, वह उसके साथ मारपीट भी करता था। उन्होंने कहा है कि उसके शरीर पर कई बार मारपीट के घाव देखे थे, सिगरेट से जलने के निशान देखे थे। उनका कहना है कि यहाँ तक कि एक बार तो श्रद्धा ने कहा था कि उसके दोस्त उसे बचाने नहीं जाते तो वह उसको मार देता।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार साल 2018-2019 में आफताब और श्रद्धा का रिश्ता शुरू हुआ था। लेकिन उनके परिवारों द्वारा विरोध करने के बाद वे दोनों पालघर से मुंबई शिफ्ट हो गए थे और साथ रहने लगे थे। बाद में वे दिल्ली में चले गए। इस साल महरौली के छतरपुर पहाड़ी इलाक़े में 15 मई को एक रूम का फ्लैट किराए पर लिया। यहीं पर 18 मई को वह हत्या हुई। आरोपी ने हत्या को छुपाने की पूरी कोशिश की, लेकिन श्रद्धा के दोस्तों की खोजबीन से इसका राज़ खुल गया।
कॉलेज के समय से उसके एक दोस्त ने सबसे पहले सितंबर में महाराष्ट्र के पालघर इलाक़े में रहने वाले उसके परिवार को उसकी 'लापता' स्थिति के बारे में बताया था। इसके बाद ही इस मामले में हरकत हुई और इस हत्या का खुलासा हुआ।
श्रद्धा के दोस्त ने कहा कि उसने कुछ अन्य दोस्तों के साथ, छतरपुर में श्रद्धा को उसके घर से बचाया और यहाँ तक कि आफताब को चेतावनी दी कि वे पुलिस से संपर्क करेंगे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने आफताब को पुलिस शिकायत दर्ज करने के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन श्रद्धा आरोप नहीं लगाना चाहती थी और दो दिन बाद आफताब के पास लौट गई। नादर ने कहा कि दो महीने तक श्रद्धा से संपर्क नहीं होने पर उन्हें उसकी चिंता होने लगी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, श्रद्धा जिस इलाक़े की रहने वाली थीं, उसके पास रहने वाला वह दोस्त एक आईटी फर्म में काम करता है। वह जूनियर कॉलेज में श्रद्धा से मिले थे जहां वे दोस्त बन गए। जूनियर कॉलेज के बाद कभी-कभार ही मिलते थे, लेकिन कोविड लॉकडाउन के दौरान कॉलेज के चार-पांच दोस्तों में फिर से बातचीत अक्सर होने लगी।
रिपोर्ट के अनुसार उस दोस्त ने कहा कि जून-जुलाई 2021 में श्रद्धा ने उन्हें एक टेक्स्ट मैसेज भेजा था जिसमें कहा गया था कि आफताब मारपीट कर रहा था और अगर उसे बचाया नहीं गया, तो वह मर जाएगी। उन्होंने कहा कि वह उसके घर गये थे और उसके चोटों को देखा था।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इसी साल मई में दोस्त ने आखिरी बार श्रद्धा के इंस्टाग्राम पर बात की थी। उसकी हत्या के हफ्तों बाद। उस दोस्त ने दावा किया कि तब आफताब ने श्रद्धा के इंस्टाग्राम हैंडल से चैट का जवाब दिया था और उसे अपने फोन से संदेश भेजा कि वह ठीक है।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने आगे कहा, 'मैंने फिर आफताब को फोन किया और कहा कि मुझे पता है कि गायब होने से पहले वह तुम्हारे साथ थी। मैंने कहा कि हम पुलिस से संपर्क करेंगे लेकिन उन्होंने कहा कि पुलिस के पास मत जाओ, तुम्हें पता है कि श्रद्धा कैसी है और वह वापस आ जाएगी। उसे उसके जाने की तारीख याद नहीं आ रही थी। मैंने उससे पूछा कि यह कैसे संभव है, तुम उसके साथ चार साल से हो। उसने मुझे बताया कि वह भी उसकी तलाश कर रहा था और मुझे अपडेट करेगा, लेकिन उसने कभी फोन नहीं किया या उसकी लोकेशन के बारे में नहीं बताया।'
उसके बाद उसने उसके 10 से अधिक करीबी दोस्तों से संपर्क किया, लेकिन पता चला कि मई के अंत से किसी की भी उससे बात नहीं हुई है। अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'सितंबर में मैंने उसके भाई और पिता से संपर्क किया, जिन्होंने मुझे उनसे मिलने के लिए कहा। मैंने उन्हें सब कुछ समझाया और कहा कि उन्हें पुलिस से संपर्क करना चाहिए। उसके भाई और पिता ने उसके सभी दोस्तों से संपर्क करना शुरू किया और फिर पुलिस से संपर्क किया।'
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, श्रद्धा की एक और क़रीबी दोस्त ने कहा, 'हम छठी कक्षा से एक ही बिल्डिंग में रहते थे और हम एक साथ कॉलेज जाते थे। 2021 में आफताब से लड़ाई के बाद वह मेरे पास रहने आई थी। उसने अपने पुरुष मित्र से कहा था कि अगर उसे नहीं बचाया गया होता तो वह उस रात मर जाती। लेकिन दो दिन बाद वह वापस चली गई क्योंकि आफताब ने खुद को नुक़सान पहुंचाने की धमकी दी थी।'
उन्होंने कहा, 'उसने हमें बताया कि वह उसके साथ दुर्व्यवहार करता था। उस दिन जब वह आई थी तो उसके शरीर पर सिगरेट के जलने और चोट के निशान थे। वह उसे पीटता था।'
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