कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का बुधवार को एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वो मीडिया को चुनौती दे रहे हैं कि वो पीएम मोदी के खिलाफ कोई स्टोरी चलाकर दिखाए तो सही। उन्होंने यह तक कहा कि अगर मीडिया के पास स्टोरी नहीं है तो वो मोदी के खिलाफ खबर देंगे लेकिन मीडिया में हिम्मत नहीं है कि वो उस खबर को चलाकर दिखाए। लेकिन पवन खेड़ा ऐसा क्यों बोले, इसके पीछे की कहानी कुछ और है। तमाम टीवी चैनल दो दिनों से बाली (इंडोनेशिया) में चल रहे जी 20 सम्मेलन को लेकर पीएम मोदी का गुणगान कर रहे हैं। तमाम जरूरी मुद्दे टीवी चैनलों की बहस से गायब है। बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने मोदी को बाली में मिल रहे सम्मान की तुलना पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह से कर दी। बीजेपी ने भी बयान जारी किए, लेकिन इस सत्य की पड़ताल जरूरी है कि अमित मालवीय और बीजेपी डॉ मनमोहन सिंह के बारे में जो कह रहे हैं, वो कितना सच है?
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि एक समय था जब डॉ मनमोहन सिंह इन शिखर सम्मेलनों से लौटते थे और किसी ने भी भारत पर ध्यान नहीं दिया। अब जब विश्व के नेताओं द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री को सुनने की मांग की जाती है। मालवीय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने एक लंबा सफर तय किया है और दुनिया के नेता पीएम मोदी से बात करना चाहते हैं।
अमित मालवीय ने बाली जी 20 सम्मेलन से एक वीडियो भी साझा किया जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति को अपनी सीट लेने से पहले पीएम मोदी से हाथ मिलाते हुए देखा जा सकता है।
There was a time when Dr Manmohan Singh returned from these summits and no one took note of India, to now when the Indian Prime Minister is sought out by world leaders…
अमित मालवीय पीएम मोदी की तारीफ में अकेले नहीं हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का डंका बज रहा है। गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान भी विश्व नेताओं द्वारा मोदी की तारीख का बाकायदा उल्लेख किया जा रहा है।
मोदी की गलत तुलना
अमित मालवीय समेत पूरी बीजेपी डॉ मनमोहन सिंह की तुलना पीएम मोदी के साथ किए जाने के मामले में इंसाफ नहीं कर रही है। तथ्य कुछ और बताते हैं, जबकि बीजेपी नेता तथ्यों पर बात करने को तैयार नहीं हैं। बीजेपी नेता शायद इस तथ्य को एकदम से भूल गए जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उस समय अमेरिका में उनके जाने पर पाबंदी थी। अमेरिकी एजेंसियों ने उन्हें 2002 के गुजरात दंगों की वजह से उनकी यात्रा पर बैन लगा दिया था। हालांकि बाद में अमेरिका ने वो बैन हटा लिया था। लेकिन भारत के किसी और सीएम पर ऐसा बैन अमेरिका ने नहीं लगाया। आज भी अमेरिका में तमाम संस्थाएं पीएम मोदी के वहां जाने पर उनके खिलाफ प्रदर्शन करती हैं।
न्यूजवीक पत्रिका ने 2010 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिसमें विश्व के टॉप 10 नेताओं की सूची प्रकाशित की गई थी। यह सूची उन पत्रिकाओं जैसी नहीं थी, जिनमें पैसे लेकर नाम छपवाने के आरोप लगते रहते हैं। न्यूज वीक ने भारत के तत्कालीन पीएम डॉ मनमोहन सिंह को सबसे टॉप पर रखा था। हालांकि उसी रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग उस समय 78वें नंबर थी लेकिन मनमोहन सिंह टॉप पर थे। न्यूजवीक ने लिखा था कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित विश्व के तमाम नेता डॉ मनमोहन सिंह से सलाह लेते हैं। न्यूजवीक ने लिखा था - डॉ मनमोहन सिंह ने सम्मान जीता है। विश्व के तमाम नेता उन्हें प्यार करते हैं। डॉ मनमोहन सिंह ने 21वीं सदी की उभरती शक्तियों में से एक के रूप में भारत के उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
In my presence at the Copenhagen Climate Conference in mid-Dec 2009 President Obama embraced Dr. Manmohan Singh saying: how is my Gooroo doing? https://t.co/fMIlbxOKNh
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने 2009 की उस घटना को याद किया है, जब कोपेनहेगन क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस 2009 में तत्कालीन यूएस राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डॉ मनमोहन सिंह को अपना गुरु बताया था।
2005 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने मनमोहन सिंह की काबिलियत की तारीफ की। 2009 में तत्कालीन ब्रिटिश पीएम गोर्डन ब्राउन ने कहा था कि डॉ मनमोहन सिंह सिर्फ भारत के ही नहीं, पूरी दुनिया के महान नेता हैं।
अमेरिकी सरकार के सलाहकार और जाने-माने कूटनीतिज्ञ हेनरी किसिंगर ने मनमोहन सिंह को ऐसा स्टेट्समैन बताया था, जिसके पास एक विजन है। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी और मिश्र के नेता अली बरदाई तो डॉ मनमोहन सिंह के फैन रहे हैं।
अभी ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने डॉ मनमोहन सिंह की तारीफ की। गडकरी ने डॉ सिंह को आर्थिक सुधारक बताते हुए कहा कि यह देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा। उन्होंने जो भी आर्थिक सुधार किए, उसके नतीजे आज भी मिल रहे हैं।
अब कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की मीडिया को दी गई चुनौती पर आते हैं। पवन खेड़ा ने मीडिया को दरअसल, आत्मचिंतन का मौका दिया है। यह वीडियो उस दिन वायरल हुआ है, जिस दिन पत्रकारिता दिवस है। पवन खेड़ा का बयान तमाम पत्रकारों को सोचने के लिए मजबूर करता है कि इस समय देश में जो पत्रकारिता हो रही है, उसके क्या मायने हैं। कुछ चैनलों ने बाली जी20 की यह रिपोर्ट तक दिखाई कि किस विश्व नेता ने पीएम मोदी के कंधे पर हाथ रखा और किसने सैल्यूट किया। भारत के तमाम जरूरी मुद्दों को छोड़कर ऐसी रिपोर्ट दिखाने वालों को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का संदेश बहुत माकूल है।
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