श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस के सामने यह तथ्य सामने आया है कि आरोपी आफताब पूनावाला ने खून के धब्बे और अन्य सबूत मिटाने के लिए हजारों लीटर पानी बहा दिया। जिस फ्लैट में श्रद्धा और आफताब रह रहे थे, उस फ्लैट के पानी का बिल पुलिस को मिला है। इस बीच पुलिस ने आज गुरुवार को आरोपी आफताब को साकेत कोर्ट में पेश किया और उसका रिमांड मांगा ताकि आगे की पूछताछ में कुछ और तथ्य सामने आ सकें।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए आफताब के पड़ोसियों से भी पूछताछ की। उसी पूछताछ के दौरान बेतहाशा पानी के खर्च का तथ्य सामने आया।
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दिल्ली सरकार 20 हजार लीटर पानी फ्री में देती है। अगर बीस हजार लीटर से ज्यादा पानी खर्च किया जाता है तो उपभोक्ता को उसका पैसा देना पड़ता है। चूंकि उसके फ्लैट पर 300 रुपये पानी का बिल बकाया है तो इस तरह आफताब ने सबूत मिटाने के लिए बीस हजार लीटर से ज्यादा पानी खर्च कर डाला होगा।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने पुलिस सूत्रों के मुताबिक कहा है कि पड़ोसियों ने बताया- आरोपी रोजाना फ्लैट की पानी की टंकी की जांच करता था। वो ये देखने आता था कि कहीं पानी खत्म तो नहीं हो गया है। आफताब के ऊपर की मंजिल पर रहने वाले दो पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी थी कि आफताब को छोड़कर सभी मंजिलों का पानी का बिल शून्य आता है। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि उसके फ्लैट पर 300 रुपये का पानी का बिल बकाया है। इसलिए पुलिस का शक पुख्ता है।
दिल्ली पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि आफताब ने हाउस रेंट एग्रीमेंट में फ्लैट मालिक को श्रद्धा का नाम सबसे पहले और आखिरी में अपना नाम बताया था। सूत्रों ने बताया कि फ्लैट के मालिक को पता था कि वे शादीशुदा जोड़े नहीं हैं। उन्हें एक दलाल की मदद से फ्लैट मिला था। पता चला है कि आफताब हर महीने की 8 से 10 तारीख के बीच फ्लैट मालिक के खाते में 9 हजार रुपये जमा करवाता था।
श्रद्धा के पिता विकास वालकर की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने पिछले शनिवार को आफताब को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि आफताब ने श्रद्धा की हत्या के बाद उसके शव के 35 टुकड़े करके जंगलों में फेंक दिया था। पुलिस कल बुधवार को उसे लेकर जंगलों में भी गई थी, जहां दस टुकड़े बरामद किए गए। पुलिस ने श्रद्धा के पिता के डीएनए से मिलाने के लिए उन टुकड़ों को फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा है।
श्रद्धा की हत्या 18 मई को हुई थी। आफताब ने पुलिस को बताया था कि हत्या से पहले दोनों के बीच घर का सामान बदलने को लेकर झगड़ा हुआ था। उसी दौरान आफताब ने कथित तौर पर श्रद्धा की हत्या कर दी थी। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि 18 मई का झगड़ा पहली बार नहीं था, आफताब और श्रद्धा तीन साल से आपस में लड़ रहे थे। पुलिस को दोनों के ज्वाइंट खाते की बैंक स्टेटमेंट मिली, जिसमें श्रद्धा के नेट बैंकिंग अकाउंट ऐप से 54,000 रुपये का लेनदेन दिखाया गया था। सूत्रों ने कहा कि इस लेन-देन ने आफताब के उस झूठ का पर्दाफाश कर दिया जिसमें उसने पहले कहा था कि 22 मई के बाद वो श्रद्धा के संपर्क में नहीं था। सूत्रों ने कहा कि बैंक ट्रांजैक्शन का स्थान महरौली था और यह 26 मई को हुआ था।
इसके अलावा 31 मई को श्रद्धा के इंस्टाग्राम अकाउंट से उसकी दोस्त के साथ चैट हुई थी। पुलिस ने श्रद्धा के फोन की लोकेशन पता की तो वह दिल्ली के महरौली थाना क्षेत्र का निकला।
पुलिस के इस सवाल का जवाब आफताब नहीं दे पाया कि अगर श्रद्धा अपना फोन साथ लेकर गई थी तो उसकी लोकेशन उसके घर की क्यों मिल रही थी? इसी के बाद आफताब ने सच उगल दिया।
महाराष्ट्र पुलिस सूत्रों ने बताया कि फोन बंद होने के कारण जब श्रद्धा के परिवार वाले उससे संपर्क नहीं कर सके तो उन्होंने मानिकपुर पुलिस थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी। शिकायत के बाद आफताब को पूछताछ के लिए मानिकपुर थाने बुलाया गया था।
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इससे पहले मंगलवार को, पुलिस सूत्रों ने एएनआई को बताया था कि आफताब ने कबूल किया कि उसने हत्या (18 मई) से एक हफ्ते पहले श्रद्धा को मारने का मन बना लिया था।
श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने एएनआई से कहा था, मुझे लव जिहाद का शक है। हम मांग करते हैं कि आफताब को मौत की सजा दी जाए। मुझे दिल्ली पुलिस पर भरोसा है क्योंकि जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है। श्रद्धा मुझसे ज्यादा बात नहीं करती थी। मैं आफताब के संपर्क में कभी नहीं था। मैंने इस मामले में पहली शिकायत वसई (मुंबई) में दर्ज कराई थी। मैंने आखिरी बार 2021 में श्रद्धा से बात की थी। मैं उससे अपने लिव-इन पार्टनर के बारे में और बताने के लिए कहा। लेकिन उसने ज्यादा कुछ नहीं कहा। मुझे नहीं पता था कि वह दिल्ली में शिफ्ट हो गई है। उसकी दोस्त ने मुझे बताया कि वह दिल्ली में थी। मैंने सोचा कि वह बेंगलुरु में थी। आफताब को सभी सबूत मिटाने के लिए बहुत समय मिला।
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