loader

तटरक्षक बल में महिलाओं को स्थायी कमीशन दे केंद्र: SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तटरक्षक बल में भी महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया जाए। महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की मांग करने वाली भारतीय तटरक्षक बल की एक महिला अधिकारी की याचिका पर अदालत सुनवाई कर रही थी। सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सोमवार को याचिका पर सुनवाई की।

इसने कहा कि महिलाओं को छोड़ा नहीं जा सकता है और अगर केंद्र मौजूदा मानदंडों पर कार्रवाई नहीं करता है तो न्यायपालिका एक महिला तटरक्षक अधिकारी की स्थायी आयोग की याचिका पर कदम उठाने के लिए मजबूर होगी। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा, 'महिलाओं को छोड़ा नहीं जा सकता है।' उन्होंने कहा कि अगर तटरक्षक बल अपने बोर्ड में संरचनात्मक बदलाव नहीं करता है, तो हम ऐसा करेंगे।

ताज़ा ख़बरें

आईसीजी की ओर से पेश होते हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा, 'मैं उनसे एक हलफनामा दायर करने के लिए कहूंगा। तटरक्षक बल नौसेना और सेना से बिल्कुल अलग है। बोर्ड का गठन हो चुका है और इसमें संरचनात्मक बदलाव की जरूरत है।' 

मुख्य न्यायाधीश ने चेतावनी दी कि यदि सरकार द्वारा स्वेच्छा से आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई, तो अदालत उक्त रक्षा सेवा में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करेगी। 

भारतीय तट रक्षक यानी आईसीजी की एक महिला अधिकारी की याचिका में योग्य महिला शॉर्ट-सर्विस कमीशन अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की मांग की गई है।
देश से और ख़बरें

मुख्य न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि कार्यक्षमता और समानता के फैक्टर पर तर्क महिलाओं को बाहर करने के लिए वैध बहाना नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'ये सभी कार्यक्षमता आदि तर्क 2024 में मायने नहीं रखते। महिलाओं को छोड़ा नहीं जा सकता।' पेश की गई दलीलों के जवाब में बेंच ने केंद्र से जवाब दाखिल करने को कहा है और अगली सुनवाई 1 मार्च के लिए तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने से इनकार करने के लिए केंद्र और भारतीय तटरक्षक बल को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि समुद्री बल को एक ऐसी नीति बनानी चाहिए जो महिलाओं के साथ निष्पक्ष व्यवहार करे।

सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस बात पर जोर दिया था कि जब नौसेना और सेना महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के अनुरूप हैं तो तटरक्षक बल को इस मानदंड से खारिज नहीं किया जा सकता है।

ख़ास ख़बरें

अदालत ने 'तटरक्षक बल के पितृसत्तात्मक रवैये' पर भी सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने कहा, "आप 'नारी शक्ति नारी शक्ति' की बात करते रहते हैं, अब इसे यहाँ दिखाएँ। आप यहाँ आखिरी छोर पर हैं। मुझे नहीं लगता कि तटरक्षक बल यह कह सकता है कि जब सेना और नौसेना ने ऐसा किया है तो वे लाइन से बाहर हो सकते हैं।' आप सभी ने अब तक बबीता पुनिया का फैसला पढ़ लिया होगा।"

बबीता पुनिया फ़ैसले में शीर्ष अदालत ने कहा था कि शॉर्ट सर्विस कमीशन की महिला अधिकारी अपने पुरुष समकक्षों के समान स्थायी कमीशन की हकदार हैं। अदालत की यह टिप्पणी एक शॉर्ट सर्विस अधिकारी प्रियंका त्यागी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आई थी। उन्हें 14 साल की शानदार सेवा करने के बावजूद स्थायी कमीशन के लिए विचार किए जाने के अवसर से वंचित कर दिया गया था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें