शहरों, ऐतिहासिक इमारतों, सड़कों के नाम बदलने के पीछे पड़े रहने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ संदेश दिया है। इस मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान इसने कहा है कि क्या आप देश को उबालना चाहते हैं? नामों को बदलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले को संबोधित करते हुए अदालत ने पूछा कि क्या आप समय को पीछे ले जाना चाहते हैं, इससे आप क्या हासिल करना चाहते हैं?
शहरों के नाम बदलने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- देश को उबालना चाहते हैं?
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- 27 Feb, 2023
देश में जब तब शहरों, ऐतिहासिक इमारतों, सड़कों के नाम बदले जा रहे हैं, लेकिन अब 'विदेशी आक्रांताओं' द्वारा किए गए सभी नामकरणों को बदलने की मांग की गई। जानिए, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही कई सवाल तब पूछे जब देश के शहरों, ऐतिहासिक इमारतों और अन्य जगहों के नाम बदलने के लिए एक याचिका दायर की गई थी। एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने याचिका में उन शहरों और कस्बों के प्राचीन नामों की पहचान के लिए 'रिनेमिंग कमीशन' बनाए जाने की मांग की जिनका नाम कथित तौर पर 'आक्रमणकारियों' के नाम पर रखा गया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय की दलीलों पर कई सवाल किए और आख़िरकार याचिका को खारिज कर दिया। याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा वह बेहद अहम है। इसने कहा कि देश अतीत का कैदी बन कर नहीं रह सकता। इसने यह भी कहा कि धर्मनिरपेक्ष भारत सभी का है।