सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को त्रिपुरा पुलिस से कहा है कि वह उन वकीलों और एक पत्रकार के ख़िलाफ़ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे, जिन पर राज्य में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर टिप्पणी करने के लिए कार्रवाई की जा रही है। उनके ख़िलाफ़ त्रिपुरा पुलिस ने ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पत्रकार व वकीलों के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई न करे त्रिपुरा पुलिस: सुप्रीम कोर्ट
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- 17 Nov, 2021
त्रिपुरा पुलिस अब हिंसा को लेकर ट्वीट और फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के लिए यूएपीए का सामना कर रहे पत्रकार और वकीलों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं कर सकती है? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।

सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज के सदस्य व अधिवक्ता मुकेश, राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के सचिव व अधिवक्ता अंसार इंदौरी और न्यूज़क्लिक के पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने याचिका दायर की है।