सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को त्रिपुरा पुलिस से कहा है कि वह उन वकीलों और एक पत्रकार के ख़िलाफ़ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे, जिन पर राज्य में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर टिप्पणी करने के लिए कार्रवाई की जा रही है। उनके ख़िलाफ़ त्रिपुरा पुलिस ने ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है।