लगता है कि आरक्षण का विवाद संघ और बीजेपी का कभी पीछा नहीं छोड़ेगा। आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का भी इस पर बयान आया है। उन्होंने रविवार को कहा कि संघ हमेशा आरक्षण के लिए खड़ा रहा है, जिसकी संविधान के तहत गारंटी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर एक वीडियो चलाया जा रहा है कि संघ आरक्षण के ख़िलाफ़ है जो कि पूरी तरह ग़लत और आधारहीन है। इसको खारिज करते हुए उन्होंने कहा है कि संघ हमेशा से आरक्षण के पक्ष में खड़ा रहा है। तो सवाल है कि जब वह इसका पक्षधर रहा है तो बार-बार सफाई देने की ज़रूरत क्यों पड़ती है? और समय-समय पर इसने आरक्षण पर किस तरह की बातें कही हैं?
भागवत अब आरक्षण के पक्ष में; पर क्या पहले भी यही राय थी आरएसएस की?
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- 29 Apr, 2024
आरक्षण पर बीजेपी के मातृ संगठन आरएसएस की राय को लेकर अक्सर विवाद होता रहा है। अब फिर से इस पर बीजेपी और कांग्रेस में विवाद है तो मोहन भागवत ने आरक्षण का समर्थन किया है। आख़िर उन्हें बार-बार इस पर सफाई क्यों देनी पड़ती है, क्या संघ के पहले की राय में बदलाव आया है?

आरक्षण को लेकर पहले संघ की ओर से क्या-क्या विचार रखे जाते रहे हैं, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर मोहन भागवत के इस पर अब तक किस तरह के अलग-अलग बयान आते रहे हैं। जिस तरह भागवत ने रविवार को सीधे-सीधे कह दिया कि वह आरक्षण के पक्ष में हैं, कुछ उसी तरह का बयान उन्होंने पिछले साल सितंबर महीने में दिया था। लेकिन भागवत के ये बयान क़रीब 9 साल पहले दिए गए उनके बयान से बिल्कुल अलग थे।