जातीय जनगणना की मांग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार के 10 दलों के नेताओं ने पिछले साल मुलाकात की थी और इस मुलाकात के 9 महीने पूरे हो चुके हैं। पूरे देश की सियासत को प्रभावित करने जा रहा यह मुद्दा सबसे पहले बिहार की सियासत की दशा और दिशा बदलने जा रहा है। खुद जातीय जनगणना की मांग का क्या होगा, इस पर शायद ही कोई बेचैन हो। मगर, इस मांग के बहाने जो बेचैनी सियासत में दिख रही है उससे बिहार की राजनीति करवट बदलती नज़र आ रही है।