जातीय जनगणना की मांग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार के 10 दलों के नेताओं ने पिछले साल मुलाकात की थी और इस मुलाकात के 9 महीने पूरे हो चुके हैं। पूरे देश की सियासत को प्रभावित करने जा रहा यह मुद्दा सबसे पहले बिहार की सियासत की दशा और दिशा बदलने जा रहा है। खुद जातीय जनगणना की मांग का क्या होगा, इस पर शायद ही कोई बेचैन हो। मगर, इस मांग के बहाने जो बेचैनी सियासत में दिख रही है उससे बिहार की राजनीति करवट बदलती नज़र आ रही है।
जातीय जनगणना पर संघ का विरोध, नीतीश अड़े, बदलेगी बिहार की राजनीति?
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- 24 May, 2022
जातीय जनगणना पर बीजेपी-आरएसएस के विरोध के बावजूद बिहार के सीएम नीतीश कुमार अड़ गए हैं। उन्होंने 27 मई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बिहार में ओबीसी सबसे ज्यादा है। बीजेपी जानती है कि इस जनगणना का राजनीतिक मतलब क्या है। बिहार की राजनीति इस मुद्दे पर करवट ले सकती है।
