लैटरल एंट्री मोड के जरिए 45 वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों की भर्ती के लिए नरेंद्र मोदी सरकार के दबाव ने एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्षी नेताओं ने सरकार पर आरक्षण प्रणाली को व्यवस्थित रूप से कमजोर करने का आरोप लगाया है जो भारत में हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए अवसर देता है।