UPSC में lateral Entry Recruitment को सरकार को वापस लेना पड़ा। विपक्ष के हमलों से डर गयी मोदी सरकार। क्या वो सहयोगी दलों के दबाव में उठाया गया कदम है? या फिर विपक्ष का दबाव काम आया ? क्या मोदी बहुत कमजोर हो गये ? क्या वो डर गये ? आशुतोष के साथ चर्चा में डा लक्ष्मण यादव, डा रविकांत, सबा नकवी और करन वर्मा ।
लैटरल एंट्री के मुद्दे पर नेता विपक्ष राहुल गांधी का दबाव मोदी सरकार पर काम कर गया। मोदी सरकार ने मंगलवार को निर्देश दिया कि यूपीएससी का लैटरल एंट्री के संबंध में विज्ञापन वापस लिया जाए। प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक पत्र के जरिए यह सूचना दी है। लेकिन इस पत्र में बहुत चालाकी से मोदी का महिमा मंडन करते हुए उन्हें आरक्षण की रक्षा के लिए समर्पित बताया गया। जबकि लैटरल एंट्री में किसी आरक्षण का पालन नहीं किया जाता। मोदी सरकार 2018 से लैटरल एंट्री के जरिए भर्तियां कर रही है।
Hindi News India: Satya Hindi Bulletin for August 19 Updates। Lateral Entry। Chirag Paswan। Rahul Gandhi। लेटरल एंट्री के ख़िलाफ़ उठने लगी NDA में ही आवाज़, पासवान ने बताया- ‘ग़लत, सरकार के सामने उठाएंगे’
नौकरशाही में सीधे नियुक्तियाँ करके मोदी सरकार क्या हासिल करना चाहती है? क्या वह बड़ी कुर्सी पर किसी संघी को बैठाना देगी? क्या आरक्षण को ख़त्म करने का ये भी एक तरीक़ा है? क्या नौकरशाही पर अडानी-अंबानी का कब्ज़ा हो जाएगा?
यूपीएससी ने शनिवार को लैटरल एंट्री मोड के जरिए भरे जाने वाले संयुक्त सचिवों के 10 और निदेशकों/उप सचिवों के 35 पदों का विज्ञापन जारी किया है। लैटरल एंट्री के जरिए केंद्र सरकार ने पहले भी बड़े पैमाने पर भर्तियां की हैं। ऐसी भर्तियां विवादित हैं। दूसरी तरफ यूपी में 69000 सहायक शिक्षकों की सूची हाईकोर्ट ने योगी सरकार से फिर से जारी करने को कहा है। क्योंकि सरकार ने जो नियुक्तियां की हैं, उनमें आरक्षण नियमों का पालन ही नहीं किया गया। योगी सरकार ने कोटा सिस्टम को ताक पर रख दिया था।