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राहुल ने अडानी और मोदी सरकार पर फिर बोला हमला, नया विवाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए एक नया हमला किया। यह मामला अडानी समूह की कंपनियों में इलारा के निवेशक और उसके मालिक का अडानी की रक्षा फर्म में सह मालिक होने से संबंधित है। जबकि भारत के सुरक्षा खतरों के मद्देनजर रक्षा उकरण बनाने वाली कंपनियों में विदेशी सह मालिक नहीं हो सकता। अडानी समूह और इलारा का गठबंधन और उसे मोदी सरकार की स्वीकृति एक बड़ा विवाद बन सकता है। यह देश की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला है। 
राहुल गांधी ने ट्वीट किया- भारत का मिसाइल और रडार अपग्रेड अनुबंध अडानी समूह के स्वामित्व वाली कंपनी और इलारा नामक एक संदिग्ध विदेशी संस्था को दिया गया है। एलारा को कौन नियंत्रित करता है? अज्ञात विदेशी संस्थाओं को सामरिक रक्षा उपकरणों का नियंत्रण देकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता क्यों किया जा रहा है।
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बीजेपी और मोदी सरकार खुद को राष्ट्रवादी बताती है। वो अक्सर राष्ट्रीय हितों के साथ समझौता नहीं करने की बात करती है। राहुल गांधी ने उसी आधार पर यह टिप्पणी की है। वैसे भी भारत की रक्षा कंपनियों में विदेश लोग या उनकी कंपनियां निवेशक हो सकती हैं, तकनीक ट्रांसफर कर सकती हैं। लेकिन कोई कंपनी ऐसी रक्षा कंपनी में सह मालिक या सीईओ वगैरह नहीं हो सकता।
इंडियन एक्सप्रेस ने भी आज बुधवार को एक खबर प्रकाशित की है। इससे मोदी सरकार और अडानी के संबंधों का पता चलता है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार ELARA India Opportunities Fund एक वेंचर कैपिटल फंड है और मॉरीशस में पंजीकृत शीर्ष चार संस्थाओं में से एक है, जिनके पास अडानी समूह की कंपनियों में शेयर हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि समूह ने पिछले तीन वर्षों में अपना हिस्सा घटाया है, लेकिन अडानी की तीन फर्मों में होल्डिंग ₹9,000 करोड़ से अधिक है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने भी आरोप लगाया था कि मॉरीशस रूट से अडानी कंपनियों के शेयर को चढ़ाया गया था। मॉरीशस रूट मनी लॉन्ड्रिंग के लिए कुख्यात है। यानी भारतीय कंपनियां अपनी ब्लैक मनी को इसके जरिए वापस लाती हैं। ये आमतौर पर फर्जी कंपनियां होती हैं।

अडानी समूह के साथ इलारा बेंगलुरु स्थित एक रक्षा फर्म अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की प्रमोटर है। यह रक्षा कंपनी 2003 में स्थापित की गई थी और रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर काम करती है। इस कड़ी को ऐसे जोड़िए। अडानी और इलारा मिलकर अल्फा डिजाइन कंपनी को खड़ा करते हैं। अल्फा डिजाइन भारत सरकार की कंपनियों इसरो और डीआरडीओ के साथ मिलकर रक्षा उपकरण बनाती है। अल्फा डिजाइन का मालिक अडानी और सह मालिक इलारा है। इलारा को कौन नियंत्रित करता है। यही सवाल राहुल गांधी ने किया है। इलारा का मालिक विदेशी है।

इस बीच, विपक्षी सदस्यों ने मंगलवार को एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा अडानी समूह के मुद्दे की जांच की मांग की थी और केंद्र पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट पर चुप रहने का आरोप लगाया था। हिंडनबर्ग ने ही सबसे पहले अडानी समूह द्वारा स्टॉक में हेरफेर और ऑडिट धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।

Rahul again attacked Adani and Modi government, new controversy - Satya Hindi
अडानी मुद्दे पर विपक्ष के मार्च को सरकार ने विजय चौक के पास रोक दिया।
विपक्ष अडानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग कर रहा है और अपनी मांग को संसद में उठाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन मोदी सरकार अडानी मुद्दा संसद में नहीं उठने दे रही है। संसद आए दिन ठप हो रही है। विपक्ष ने बुधवार 15 मार्च को अडानी मुद्दे पर संसद से ईडी दफ्तर तक मार्च निकालने की कोशिश की लेकिन विजय चौक पर दिल्ली पुलिस ने मार्च को रोक दिया और आगे नहीं बढ़ने दिया। 

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यूएस शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट 24 जनवरी को सामने आई थी। यहां यह बताना जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से उत्पन्न मुद्दे पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया। समिति में छह सदस्य शामिल होंगे, जिसकी अध्यक्षता शीर्ष अदालत के पूर्व जस्टिस जस्टिस एएम सप्रे करेंगे।

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क़मर वहीद नक़वी
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