तेलंगाना के मुख्यमंत्री
के चंद्रशेखर राव की बेटी और भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता के दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय
(ईडी) जांच कर रहा है। के कविता से पूछताछ के लिए ईडी दो बार उन्हें समन जारी कर चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉंड्रिग के केस में के कविता से 11
मार्च को कई घंटों तक पूछताछ की थी। ईडी ने कविता को पूछताछ
के लिए तीसरी बार 16 मार्च को फिर से बुलाया है।
के कविता ने अब इसके खिलाफ सुप्रीम
कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और शराब नीति से जुड़े
धनशोधन के एक मामले में ईडी के समन को चुनौती दी है।
याचिका पर तत्काल सुनवाई
की मांग करते हुए के कविता के वकील ने कहा, 'क्या किसी महिला को प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में बुलाया जा सकता है? यह पूरी तरह से कानून के खिलाफ है।
चीफ जस्टिस डी वाई
चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बैंच के कविता की याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई करने पर सहमत हो गई है।
के कविता ने 11 मार्च को
ईडी के समक्ष पेश होने से पहले 10 मार्च को दिल्ली के जंतर-मतंर पर महिला आरक्षण
के मुद्दे पर धरना-प्रदर्शन किया था। उनकी मांग थी कि सरकार संसद के मौजूदा सत्र
में महिला आरक्षण बिल पेश करे जिससे की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा सके।
के कविता अपने पिता चंद्रशेखर राव की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिस कर रही हैं। इस साल राज्य में विधानसभा होने हैं।
दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी
जिसमें के कविता को आरोपी बनाया गया है, उस मामले में दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष
सिसोदिया पहले ही जेल में हैं। सीबीआई और ईडी ने इस मामले में सिसोदिया को मुख्य
आरोपी बनाया हुआ है। क्योंकि जब दिल्ली की आबकारी नीति का निर्माण और क्रियान्वयन
किया जा रहा था उस समय मनीष सिसोदिया ही दिल्ली सरकार के आबकारी मंत्री थे। उन्हें
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली की नई शराब नीति तैयार करने में कथित
भ्रष्टाचार के लिए भी गिरफ्तार किया था, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था।
दिल्ली की आबकारी नीति
में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में के कविता पर जो
आरोप है, वह यह है कि वे दक्षिण भारत में शराब व्यवसाय के कॉर्टेल में शामिल थीं और
एक शराब कंपनी में उनकी 65 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी है। इस कार्टेल की दिल्ली
की आबकारीनीति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
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