पैगंबर मुहम्मद साहब पर शार्ली एब्दो के कार्टून को लेकर फ़्रांस के शिक्षक की हत्या पर मशहूर शायर मुनव्वर राना ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में हिंसा को जायज ठहराया। शिक्षक की हत्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'मैं भी होता तो वही करता।'
मुनव्वर राना ने 'ज़ी न्यूज़' को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही। उनसे फ्रांस में चल रहे ताज़ा घटनाक्रम को लेकर सवाल पूछा गया था। यह सवाल फ़्रांस में शिक्षक की हत्या को लेकर था। बता दें कि इतिहास के प्रोफ़ेसर ने अभिव्यक्ति की आज़ादी पर लेक्चर देने के दौरान शार्ली एब्दो के पैगंबर मुहम्मद साहब पर बनाए कार्टून दिखाए थे। इसके बाद क्लास से निकलते ही प्रोफ़ेसर की हत्या कर दी गई।
इस हिंसा के बाद से फ्रांस में इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर आतंकी हमला बताया जा रहा है तो मुसलमान और मुसलिम देश इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला बता रहे हैं।
हालाँकि शार्ली एब्दो का विवाद 2011 में पहली बार तब आया था जब उसने मुहम्मद साहब के कार्टून छापे थे। शार्ली एब्दो एक फ्रांसीसी व्यंग्य छापने वाली साप्ताहिक पत्रिका है।
शिक्षक की हत्या के बाद फ्रांस के ही नीस शहर में एक चर्च में आतंकी हमले में तीन लोगों की हत्या कर दी गई और कई लोग घायल कर दिए गए। इस मामले में फ्रांस और मुसलिम देश एक-दूसरे के ख़िलाफ़ आ गए हैं। अब चिंता की बात पूरी दुनिया के लिए है।
इसी हिंसा को लेकर पूछे गए सवाल पर मुनव्वर राना ने कहा,
“
अगर अभी कोई शख़्स मेरे बाप का कार्टून कोई ऐसा बना दे गंदा, मेरे माँ का कार्टून कोई ऐसा गंदा बना दे तो हम तो उसको मार देंगे।
मुनव्वर राना
उन्होंने आगे कहा,
'हमारे हिंदुस्तान में हमारे किसी देवी-देवता का, माँ सीता का, या भगवान राम का, ऐसा कोई कार्टून बना दे जो गंदा हो, आपत्तिजनक हो, अफ़सोसनाक हो..., जिसे देखकर आँखें बंद करने को जी चाहता है तो हम उसको मार देंगे। जब हिंदुस्तान में हज़ारों साल से ऑनर किलिंग को जायज मान लिया जाता है, कोई सज़ा नहीं होती है तो फिर उसको आप नाजायज कैसे कह सकते हैं। ...जो यहाँ हो रहा है वही वहाँ भी हो रहा है। पूरी दुनिया में यही हो रहा है।'
डीएनए की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुनव्वर राना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि फ्रांस के लिए उनका समर्थन यूरोपीय देश के साथ राफ़ेल सौदे के कारण है। बता दें कि इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में हाल ही में एक चर्च के अंदर नीस में हुए जघन्य हमले व आतंकी कृत्यों की निंदा की थी, जिसमें तीन लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे।
पीएम मोदी ने कहा था, 'पीड़ितों और फ्रांस के लोगों के परिवारों के प्रति हमारी गहरी और हार्दिक संवेदना। भारत आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में फ्रांस के साथ खड़ा है।'
I strongly condemn the recent terrorist attacks in France, including today's heinous attack in Nice inside a church. Our deepest and heartfelt condolences to the families of the victims and the people of France. India stands with France in the fight against terrorism.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 29, 2020
हालाँकि, मुनव्वर राना ने 'आजतक' के साथ बातचीत में हिंसा को जायज ठहराने की बात से इनकार किया है। उन्होंने कहा, 'मैंने फ्रांस हिंसा को जायज नहीं ठहराया। मेरी बात को आप समझ नहीं पाती हैं या फिर मेरी बात के दूसरे मतलब निकालती हैं। मैं यह कह रहा हूँ कि यहाँ से मकबूल फिदा हुसैन को देश छोड़कर इसलिए भागना पड़ा क्योंकि उन्होंने हिंदू मजहब से छेड़छाड़ की थी। नतीजे के तौर पर अपनी जान बचाकर देश छोड़ नहीं भागते तो उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती। वो यहाँ से चले और 90 साल के बूढ़े आदमी को गैर मुल्क में दम तोड़ा।'
मुनव्वर राना ने हिंसा को जायज ठहराने की बात से इनकार करते हुए कहा है कि मजहब एक ख़तरनाक खेल है और इससे आदमी को दूर रहना चाहिए।
बता दें कि फ़्रांस में ताज़ा हिंसा के बाद तुर्की, पाकिस्तान, ईरान, सऊदी अरब समेत कई देशों ने फ्रांस के उत्पादों के बहिष्कार की अपील कर दी है। इसके अलावा तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यब अर्दोवान ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों पर निजी हमला करते हुए उन्हें 'मानसिक रोग के इलाज की' सलाह तक दे डाली है।
दुनिया के कई मुसलिम-बहुल देशों में जनता ने सड़कों पर उतर कर फ्रांस का विरोध किया है। तुर्की, सऊदी अरब, पाकिस्तान और ईरान में फ्रांसीसी उत्पादों के बहिष्कार की अपील की गई है। पाकिस्तान और ईरान की संसदों ने प्रस्ताव पारित कर फ्रांस की निंदा की है और इन देशों की सरकारों ने फ्रांसीसी राजदूत को तलब कर विरोध पत्र भी दिया है।
एक प्रकार से इस मामले में दुनिया राजनीतिक रूप से दो ख़ेमों ईसाईयत बनाम इसलाम में बँटती नज़र आ रही है।
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