कई मुसलिम-बहुल राष्ट्रों के तीखे विरोध और निजी हमले के बावजूद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुद्दे पर फ़्रांसीसी राष्ट्रपति के अड़े रहने से कई सवाल खड़े होते हैं। क्या यह वाकई यूरोपीय और इसलामी सभ्यताओं का संघर्ष है? अति उदार और धर्मनिरपेक्ष फ्रांसीसी जीवन मूल्यों के समानान्तर उत्तरी अफ़्रीका से गए मुसलमानों के मूल्यों का टकराव है?