फ़्रांस में पिछले दिनों जो कुछ हुआ उसने हमें अपने पास- पड़ोस के स्वरों से यह सुनिश्चित करवा दिया कि हम लगातार और बुरी तरह से रेजीमेंटेड होते चले जा रहे हैं।
पैगंबर मुहम्मद कार्टून विवाद से यह सवाल खड़ा होता है कि क्या किसी भी कीमत पर व्यक्तिगत या निजी स्वतंत्रता की रक्षा की जानी चाहिए, क्या इसमें ज़िम्मेदारी का अहसास नहीं होना चाहिए। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद यह सवाल उठा रहे हैं।
मुनव्वर राणा को कॉल पर जस्टिस काटजू ने क्या समझाया? तो क्या मुसलमान प्रदर्शन भी न करें? फ्रांस को लेकर जारी विरोध के बीच वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू के साथ बेबाक बातचीत। Satya Hindi
कई मुसलिम-बहुल राष्ट्रों के तीखे विरोध और निजी हमले के बावजूद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुद्दे पर फ़्रांसीसी राष्ट्रपति के अड़े रहने से कई सवाल खड़े होते हैं। क्या यह वाकई यूरोपीय और इसलामी सभ्यताओं का संघर्ष है?
भारत के मुसलमानों का फ्रांस का विरोध करने का क्या औचित्य? क्या फ्रांसीसी राष्ट्रपति की बात का मुसलमानों को साथ देना चाहिए। देखिए वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की बेहद ख़ास बातचीत इस्लामिक स्कॉलर ज़फ़र सरेशवाला से। Satya Hindi
महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के अलावा देश के कई हिस्सों में फ्रांस के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। और आने वाले दिनों में प्रदर्शन के बढ़ने की पूरी संभावना है।
Suniye Sach । फ्रांस के ख़िलाफ़ भारत में भी भड़का गुस्सा, कई शहरों में प्रदर्शन। यूरोपीय देश फ्रांस के साथ तो मुस्लिम मुल्कों में उग्र प्रतिक्रियाएं जारी
फ्रांस में दो अलग अलग हमलों में लोगों का गला काटे जाने के बाद से दुनिया भर में बवाल खड़ा हो गया है। पैगंबर के कार्टून से शुरू हुआ बवाल अब एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। मध्य पूर्व के विशेषज्ञ कबीर तनेजा से आलोक जोशी की बातचीत।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। फ़्रांस के ख़िलाफ़ भोपाल में प्रदर्शन, शिवराज बोली कार्रवाई होगी।मैक्रों बोले- यह इस्लामिक आतंकवादी हमला है, हम झुकेंगे नहीं
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।अब फ्रांस के चर्च में हमला- 3 लोगों की हत्या, महिला का गला काटा। पाक का कबूलनामा - पुलवामा हमला इमरान सरकार की उपलब्धि
फ्रांस के ख़िलाफ़ इस्लामी दुनिया में ज़बर्दस्त गुस्सा देखा जा रहा है, मगर फ्रांस अडिग है, आख़िर क्यों उसके लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इतना महत्व क्यों रखती है पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की फ्रांस की पत्रकार एवं फिल्मकार निहारिका से इस मुद्दे पर बातचीत
फ्रांस के शहर नीस में गिर्जाघर के अंदर प्रार्थना कर रहे तीन ईसाइयों पर हमला कर उनकी हत्या कर दी गई है। इस हमले में एक महिला की गला काट कर कत्ल किया गया है और दो पर चाक़ू से वार किया गया है।
केंद्र सरकार ने फ्रांस के एक स्कूल में छात्रों को पैगंबर मुहम्मद का कार्टून दिखाने वाले शिक्षक की हत्या के मामले में फ्रांस का ज़बरदस्त समर्थन किया है, जिससे कई सवाल खड़े होते हैं। सवाल यह है कि क्या इससे भारत को कूटनीतिक व राजनीतिक नुक़सान होगा?