फ्रांस में मज़हब के नाम पर कितनी दर्दनाक खूंरेजी हुई है। एक स्कूल के फ्रांसीसी अध्यापक सेमुअल पेटी की हत्या इसलिए कर दी गई कि उसने अपनी कक्षा में पैगंबर मुहम्मद के कार्टूनों की चर्चा चलाई थी। पैगंबर मुहम्मद के कार्टून छापने पर डेनमार्क के एक प्रसिद्ध अख़बार के ख़िलाफ़ 2006 में सारे इसलामी जगत में और यूरोपीय मुसलमानों के बीच इतने भड़काऊ आंदोलन चले थे कि उनमें लगभग 250 लोग मारे गए थे।
फ्रांसीसी टीचर की हत्या: इसलाम पर नई मुसीबत
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- 19 Oct, 2020

पैगंबर मुहम्मद के कार्टून छापने पर डेनमार्क के एक प्रसिद्ध अख़बार के ख़िलाफ़ 2006 में सारे इसलामी जगत में और यूरोपीय मुसलमानों के बीच इतने भड़काऊ आंदोलन चले थे कि उनमें लगभग 250 लोग मारे गए थे। 2015 में इन्हीं व्यंग्य-चित्रों को लेकर फ्रांसीसी पत्रिका ‘शार्ली एब्दो’ के 12 पत्रकारों की हत्या कर दी गई थी।
2015 में इन्हीं व्यंग्य-चित्रों को लेकर फ्रांसीसी पत्रिका ‘शार्ली एब्दो’ के 12 पत्रकारों की हत्या कर दी गई थी। यह पत्रिका इस घटना के पहले सिर्फ 60 हजार छपती थी लेकिन अब यह 80 लाख छपती है। इस व्यंग्य-पत्रिका में ईसाई, यहूदी और इसलाम आदि मज़हबों के बारे में तरह-तरह के व्यंग्य छपते रहते हैं।