केंद्र सरकार ने फ्रांस के एक स्कूल में छात्रों को पैगंबर मुहम्मद का कार्टून दिखाने वाले शिक्षक की हत्या के मामले में फ्रांस का ज़बरदस्त समर्थन किया है, जिससे कई सवाल खड़े होते हैं। सवाल यह है क्या नरेंद्र मोदी सरकार ने घरेलू राजनीति में किसी तरह के संभावित नुक़सान से बचने के लिए यह कदम उठाया है। सवाल यह भी है कि क्या इससे भारत को कूटनीतिक व राजनीतिक नुक़सान होगा। ये सवाल इसलिए अहम हैं कि इस मुद्दे पर मुसलिम जगत और यूरोपीय देश एक दूसरे के आमने-सामने हैं। भारत के नज़दीकी रिश्ते दोनों से हैं और उसे एक संतुलित रवैया अपनाना होगा, जिससे उसके अपने कूटनीतिक हित सुरक्षित रहें।