loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
57
एनडीए
23
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
226
एमवीए
53
अन्य
9

चुनाव में दिग्गज

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

पीछे

कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय

पीछे

सेंट्रल विस्टा के देश में गरीबों को मुफ्त अनाज पर संकट

देश में सेंट्रल विस्टा पर 500 करोड़ खर्च किए जा सकते हैं लेकिन प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) पर यह सरकार फैसला नहीं ले पा रही है कि यह योजना 30 सितंबर के बाद भी लागू रहेगी या नहीं। इस योजना के जरिए सरकार हर महीने गरीबों को पांच किलोग्राम राशन मुफ्त में देती है। यूपी जैसे बड़े राज्य में गरीबों को यह राशन प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी की फोटो लगी बोरियों में मिलता है। यह योजना कोविड के दौरान 2020 में लॉकडाउन के दौरान लाई गई थी। लेकिन अब यह योजना राजनीतिक योजना बनकर रह गई है।

जून 2022 से अभी तक मीडिया में यही खबर आ रही है कि केंद्र सरकार इस योजना को 30 सितंबर से आगे नहीं बढ़ाएगी। फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने 10 सितंबर शनिवार को केंद्र सरकार के अधिकारियों के हवाले से बताया है कि यह योजना सरकार पर आर्थिक बोझ है। बेशक बीजेपी और विपक्ष शासित सभी राज्य इस योजना को गरीबों के हित में आगे बढ़ाने को कह रहे हैं लेकिन इतना आर्थिक बोझ सरकार क्यों उठाए। लेकिन अधिकारियों ने यह भी कहा कि यह एक पोलिटिकल कॉल (राजनीतिक फैसला) है,  जो उच्च स्तर पर ली जानी है। इसमें अफसरों की कोई भूमिका नहीं है।  

ताजा ख़बरें
कोविड के दौरान 2020 में जब यह योजना आई थी तो इसे उस साल सिर्फ अप्रैल, मई और जून 2020 यानी तीन महीने के लिए लाया गया था। बाद में, सरकार ने इस योजना को जुलाई से नवंबर 2020 तक बढ़ा दिया। केंद्र ने फिर अप्रैल 2021 में मई और जून 2021 (तीसरा चरण) के दो महीने की अवधि के लिए योजना को फिर से पेश किया और इसे जुलाई से नवंबर 2021 (चौथा चरण) तक और पांच महीने के लिए बढ़ा दिया। तब से, इस योजना को कई बार बढ़ाया गया। अंतिम विस्तार छह महीने के लिए हुआ था और यह 30 सितंबर को खत्म हो रहा है। आमतौर पर एक महीना पहले फैसला हो जाता है कि योजना आगे बढ़ेगी या नहीं।

मिन्ट अखबार ने पिछले हफ्ते वित्त सचिव टी वी सोमनाथन के हवाले से बताया था कि अभी तक पीएमजीकेएवाई योजना को आगे बढ़ाने पर फैसला नहीं लिया है। वित्त सचिव के बयान से साफ है कि योजना को आगे बढ़ाने पर फिलहाल विचार नहीं हो रहा है। इसलिए योजना का बढ़ना मुश्किल लग रहा है। हालांकि पश्चिम बंगाल और गुजरात जैसे राज्य तो इसे कम से कम छह महीने और बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। 

PMGKAY - Crisis on free food grains to poor in central vista country - Satya Hindi
पिछले दो साल में देश के 80 करोड़ गरीबों को इस योजना से दो वक्त की रोटी नसीब हुई। लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए। अगर केंद्र सरकार इसे छह महीने और आगे बढ़ाती है तो इस पर 80,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें वो खर्च शामिल नहीं है, जो सरकार ऐसी योजनाओं के प्रचार पर लगाती है। 2022 में जब यूपी विधानसभा चुनाव हो रहे थे तो इस चुनाव से ठीक पहले योजना का प्रचार करने के लिए कई करोड़ विज्ञापनों पर खर्च किए गए। इनमें अंग्रेजी में दिए गए विज्ञापन भी शामिल थे, जिनके पढ़ने या देखने से उन गरीबों का कोई वास्ता नहीं, जिनके लिए ऐसी योजनाएं चलाई जाती हैं। 

द फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि अगर हमारे पास अनाज का बफर स्टॉक नहीं हुआ तो योजना को आगे बढ़ाया जाना मुश्किल है। अधिकारी समझदार हैं, वे असली बात बताने को तैयार नहीं हैं। हाल ही में यह मीडिया रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि गेहूं की फसल इस बार कम हुई है और एफसीआई का स्टॉक 2008 से भी निचले स्तर पर पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक एफसीआई और राज्य की एजेंसियों के पास 25 लाख टन गेहूं कम पहुंचा है। दूसरी तरफ धान की फसल से भी बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है। ऐसे में सरकार इस गरीब अन्न योजना को कैसे बढ़ा पाएगी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें