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प्रधानमंत्री का यह बयान 'मन की बात' कार्यक्रम में आया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पिछले दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे भी खोले हैं। सालों से किसानों की जो माँगें थीं, जिसे पूरा करने के लिए राजनीतिक दलों ने उनसे वादा किया है, वो वादा पूरा हुआ। काफ़ी विचार-विमर्श के बाद संसद ने कृषि सुधारों को मंजूरी दी है। इन सुधारों ने किसानों के बंधन समाप्त किए हैं और उन्हें अधिकार भी दिए हैं।'
प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के धुले के एक किसान का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि जीतेंद्र भोइजी ने नए कृषि क़ानूनों का इस्तेमाल किया।
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी बयान आया था। उन्होंने कहा था कि यदि किसानों में ग़ुस्सा है और उनकी माँगें हैं तो वह किसानों से बात करेंगे।
अब ज़ाहिर है गृह मंत्री ऐसी बात कर रहे हैं तो उन्हें भी पता है कि किसान नये कृषि क़ानूनों से नाराज़ हैं। यह पूरा देश यह जानता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा था कि अगर किसान संगठन ये चाहते हैं कि भारत सरकार उनसे 3 दिसंबर से पहले बात करे तो वे दिल्ली पुलिस द्वारा तय की जगह पर आ जाएँ, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार उनसे बातचीत करेगी।
दिल्ली सीमा पर पहुँचने से पहले किसान जब अपनी माँगों को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन करने आ रहे थे तो हरियाणा में उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछारें की गईं, आँसू गैस के गोले छोड़े गए और कई जगहों पर लाठियाँ भी भाँजी गईं। किसान भी बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ते रहे।
किसानों पर इस तरह की कार्रवाई के लिए हरियाणा की खट्टर सरकार और केंद्र की बीजेपी सरकार की आलोचना की गई। विपक्षी दल भी लगातार हमलावर रहे।
बड़ी ही दुखद फ़ोटो है। हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था लेकिन आज PM मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के ख़िलाफ़ खड़ा कर दिया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 28, 2020
यह बहुत ख़तरनाक है। pic.twitter.com/1pArTEECsU
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