फ्रांसीसी अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी का कहना है कि भारत सरकार के पास इनकम टैक्स को लेकर एक ही रास्ता है कि वो अरबपतियों से ज्यादा टैक्स वसूले और देश में शिक्षा, स्वास्थ्य पर खर्च करे । उन्होंने कहा कि भारत के उच्च मध्यम वर्ग (अपर मिडिल क्लास) और मध्यम भारतीय उद्यमियों (इंडियन मिडिल क्लास इंडस्ट्रलिस्ट) पर तभी टैक्स बढ़ाया जाना चाहिए, जब तक कि यह साबित या प्रदर्शित न हो जाए कि शीर्ष पर बैठे लोग यानी अरबपति अमीर उच्च कर (हायर टैक्स) दर का भुगतान करते हैं। पिकेटी भारत और दुनियाभर में असमानताओं को कम करने के लिए अरबपतियों की संपत्ति पर ज्यादा टैक्स लगाने का मुद्दा उठाने के लिए जाने जाते हैं। उनका कहना है कि 1957 में संपत्ति कर लगाने का भारत का फैसला उस समय "बहुत ज्यादा और बहुत तेजी से" की गई कोशिश थी। उसका सही मौका अब आया है।
अरबपतियों पर अगर ज्यादा टैक्स नहीं तो फिर उच्च मध्य वर्ग पर भी नहीं होः पिकेटी
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- 16 Dec, 2024
फ्रांसीसी अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी का कहना है कि अगर भारत में अरबपति अमीरों पर ज्यादा टैक्स नहीं लगाया जाता है तो भारत के अपर मिडिल क्लास (उच्च आय वर्ग) पर ज्यादा टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए। पिकेटी दिल्ली में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये थे। इससे पहले वो अरबपतियों द्वारा अपनी दौलत छिपाने और ज्यादा इनकम टैक्स न देने की बात कह चुके हैं। उनका कहना है कि अरबपतियों के बारे में भारत सरकार डेटा सही तरीके से पूरा बाहर नहीं आने देती है।
