भारत में अरबपतियों और अमीरों की कमाई और संपत्ति के बारे में सूचनाएं बाहर न आने के आरोप लगते रहे हैं। फ्रांसीसी अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी ने भी इस बात को रखा है। उनका कहना है कि अगर इन लोगों का डेटा बाहर नहीं आएगा तो इन पर टैक्स ठीक से नहीं लग सकेगा। उनका सुझाव है कि ऐसे अमीरों पर विरासत कर लगाकर उस पैसे को भारत के आम लोगों की सेहत और शिक्षा पर खर्च किया जाना चाहिए। लेकिन मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने इसका विरोध कर दिया। यानी मोदी सरकार भी अरबपति लोगों की इनकम का डेटा छिपाना चाहती है। भारत में सरकारी संरक्षण में असमानता का यह बड़ा उदाहरण है।