पहले से ही घोर ध्रुवीकरण के माहौल को झेर रहे देश में अब जनसंख्या के एक विश्लेषण को लेकर तथ्यपरक आँकड़े रखने का आगाह किया जा रहा है। जनसंख्या के मुद्दों पर काम करने वाली एक गैर लाभकारी संस्था पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने आगाह किया है कि किसी भी समुदाय के खिलाफ भय या भेदभाव को भड़काने के लिए पीएम-ईएसी रिपोर्ट की ग़लत व्याख्या नहीं की जानी चाहिए। तो सवाल है कि आख़िर ऐसी क्या स्थिति आ गई कि आगाह करने की नौबत आ जाए?