संसद के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन भी हंगामे से शुरू हुआ। लोकसभा में 11 बजे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने वायनाड से सांसद के रूप में शपथ ली। उनकी शपथ के कुछ देर बाद ही दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर तक के लिए फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सोमवार को सत्र की शुरुआत के बाद से दोनों सदनों में बार-बार स्थगन और विरोध देखने को मिल रहा है। विपक्षी सांसद अडानी घूसकांड, संभल हिंसा समेत अन्य मुद्दों पर बहस करना चाहते हैं लेकिन दोनों सदनों में चर्चा नहीं होने दी जा रही। मोदी सरकार मणिपुर की तरह अडानी और संभल पर भी चर्चा नहीं होने देना चाहती, यह तीसरे दिन भी साफ हो गया।
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्षी सांसदों द्वारा अमेरिका में अडानी घूसकांड, संभल हिंसा और दिल्ली में अपराध की घटनाओं में वृद्धि की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग को लेकर प्रस्तुत 18 नोटिस खारिज कर दिए। इसके बाद विपक्षी सांसद नारेबाजी करने लगे और उच्च सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अडानी समूह के संबंध में नवीनतम खुलासों पर तत्काल चर्चा के लिए सहमत होने में सरकार की "जिद्दी अनिच्छा" के कारण संसद के दोनों सदन स्थगित हो गए। कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि विपक्ष पूरे "मोदानी घोटाले" की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग कर रहा है। अडानी समूह से संबंधित रिश्वत के आरोपों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
मैं प्रियंका गांधी वाड्रा...
— Congress (@INCIndia) November 28, 2024
जो लोक सभा की सदस्य निर्वाचित हुई हूं, सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करती हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगी।
मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगी तथा जिस पद को मैं ग्रहण करने वाली हूं, उसके… pic.twitter.com/3iN7PHwuIq
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