एक तरफ लंदन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का विरोध हो रहा था, दूसरी तरफ वे अपने विरोधियों का स्वागत कर रही थीं। उन्हें मिठाई खिलाने का वादा कर रही थीं।
मामला है ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का। ममता बनर्जी लंदन के केलॉग कॉलेज में बंगाल में स्त्रियों के सशक्तिकरण मुद्दे पर बोलने के लिए जैसे ही पहुंचीं, हंगामा शुरू हो गया। लेफ्ट विंग के छात्र संगठनों ने उनका भारी विरोध करना शुरू कर दिया। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के छात्र संगठन, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (SFI) के यूके चैप्टर से जुड़े छात्रों ने ममता बनर्जी के पहुंचते ही प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों के पास काफी मुद्दे थे, मसलन आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार, पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा और पंचायत चुनावों में कथित गड़बड़ी। इसके अलावा 2023 में एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए बलात्कार के मुद्दे पर भी छात्र उनसे सवाल करना चाह रहे थे।
वे लगातार विरोध कर रहे थे। ममता बनर्जी को बोलने से रोक रहे थे। आमतौर पर अपने विरोधियों ओर कठोर मानी जाने वाली ममता बनर्जी ने वहाँ काफी नरम रुख अपनाया। यहाँ तक कि जब छात्रों ने उनसे आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुए कथित दुष्कर्म मामले पर सवाल किया, तो उन्होंने सवाल करने वालों का स्वागत करते हुए कहा, "आप अपनी आवाज उठाइए, यह लोकतंत्र है। मैं सुनूंगी।"
ममता बनर्जी ने यह भी बताया कि जिस केस पर सवाल उठाए जा रहे हैं, उसकी जांच अब केंद्र सरकार के हाथ में है और इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा, "यह मामला अब केंद्र सरकार द्वारा जांच के अधीन है, हमारे पास इसका कोई नियंत्रण नहीं है।“
उन्होंने विरोध कर रहे छात्रों को बंगाल आकर राजनीति करने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि “कृपया यहाँ राजनीति मत कीजिए। अगर राजनीति करनी है तो बंगाल आइए और वहाँ मुझसे मुकाबला कीजिए।"
ममता बनर्जी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के पुरुष छात्रों को भाई कहकर संबोधित किया। उन्होंने उनसे अनुरोध किया कि वे सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ़ लड़ें। ज़ाहिर है कि सांप्रदायिक ताकतों से ममता बनर्जी का इशारा भाजपा की ओर था। उन्होंने छात्रों से कहा, "हम आप सभी से प्यार करते हैं। इसे राजनीतिक मंच मत बनाइए। अगर आपको राजनीति करनी है, तो बंगाल आइए और अपनी पार्टी को मजबूत कीजिए, सांप्रदायिक ताकतों से लड़िए। मुझसे मत लड़िए।"
भाजपा पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने वामपंथी दलों को भी लपेटा। उन्होंने वामपंथी दलों पर आरोप लगाया कि वे जहां भी जाती हैं, इन दलों की कोशिश अराजकता फैलाने की होती है। इस पर उन्होंने वामपंथी धड़े के प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी कि ऐसा ही माहौल तब भी तैयार हो सकता है जब आपके नेता यहाँ आएं।
वामपंथी छात्र संगठनों के विरोध के बीच ममता बनर्जी ने 1990 की एक घटना की याद साझा की। 1990 में उन पर कोलकाता के हाज़रा क्रॉसिंग पर सीपीएम समर्थकों ने हमला किया था। उन्होंने ऑक्सफोर्ड में हुए विरोध के बाद 1990 के हमले के बाद की अपनी एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर भी दिखाई।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अपनी बात रखते हुए ममता बनर्जी ने सर्वधर्म समभाव सिद्धांत को भी दोहराया। अपने भाषण के दौरान ममता बनर्जी ने यह भी साफ़ किया कि वे सभी धर्मों की एकता में विश्वास रखती हैं। उन्होंने कहा कि 'मेरा विश्वास सभी धर्मों में है। मैं हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सबके लिए हूँ।’
उन्होंने प्रतिरोध कर रहे स्टूडेंट्स ग्रुप पर आरोप भी लगाया कि वे एकता के खिलाफ़ हैं। उन्होंने कहा कि मैं तो एकता की बात करती हूँ पर आपलोग नहीं।
केंद्र की बीजेपी सरकार पर लंदन से निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि ‘मरने से पहले मैं एकता देखना चाहती हूं। एकता हमारी ताकत है और विभाजन हमारे पतन की ओर ले जाता है। यह स्वामी विवेकानंद का विश्वास था। एकता बनाए रखना एक मुश्किल काम है लेकिन लोगों को बाँटने में बस एक पल लगता है। क्या आपको लगता है कि दुनिया ऐसी विभाजनकारी विचारधारा को बरकरार रख सकती है?’
वहीं ताजा घटना पर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें बंगाल टाइगर करार दिया। तृणमूल कांग्रेस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो साझा किया और लिखा, "वे पीछे नहीं हटतीं, न ही घबराती हैं। जितना रोकोगे, उतनी ही तेज गरजेंगी। श्रीमती ममता बनर्जी एक रॉयल बंगाल टाइगर हैं।“
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