राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भाषण मोदी सरकार के गुणगान पर केंद्रित था। भाजपा और मोदी 1975 के आपातकाल पर जो कह रहे हैं, वही बातें मुर्मू के भाषण में भी थीं। मुर्मू ने नीट पेपर लीक और ईवीएम पर विपक्ष को नसीहत दे डाली। विपक्ष का कहना था कि उनके भाषण से यह लग रहा था कि वो सिर्फ एनडीए की राष्ट्रपति हैं, देश की नहीं। विपक्ष राष्ट्रपति के भाषण से निराश है।