प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अबकी बार 400 पार का नारा दिया था। लेकिन देश की जनता ने भाजपा को 240 सीटों पर रोक दिया। लोकप्रियता में इतनी भारी गिरावट के बावजूद भाजपा ने संकेत को नहीं समझा और लगातार अभी भी अपने एजेंडे पर आगे बढ़ रही है। एक देश एक चुनाव दक्षिणपंथी सरकार का मुख्य एजेंडा है। लेकिन सरकारी सूत्रों का कहना है कि एक देश चुनाव का मंसूबा 2034 से पहले मुमकिन नहीं है। 2034 में भी तभी संभव है जब मौजूदा विधेयक को इसी शक्ल में संसद के दोनों सदनों में पास कर दिया जाए। देखना यह है कि मोदी पार्टी के सहयोगी जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी क्या रुख दिखाती हैं।
एक देश एक चुनाव 2034 से पहले मुमकिन नहीं, वो भी तब जब इसमें बदलाव न हो
- देश
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- 29 Mar, 2025
देश के तमाम जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए एक देश एक चुनाव की घोषणा जल्दबाजी में तो कर दी गई लेकिन इसे 2034 से पहले लागू करना संभव नहीं है। मोदी सरकार चाहती है कि विपक्ष अडानी घूसकांड का मुद्दा छोड़कर इसी पर बहस करे। लेकिन खुद सरकार के सूत्र कह रहे हैं कि इस डिजाइन का चुनाव तो 2029 में संभव ही नहीं है।
