नूंह हिंसा की वजह से चर्चा में आए मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी अब अपने पिछले बयानों से पलट रहे हैं। मोनू मानेसर पहले ही कह चुका है कि वो नूंह में 31 जुलाई को मौजूद नहीं था। लेकिन अब एक और गौरक्षक बिट्टू बजरंगी का बयान आया है, जिसमें वो कह रहा है कि हम 31 जुलाई को नूंह की जलाभिषेक यात्रा में तलवार जरूर ले गए थे लेकिन वो तलवारें पूजा के लिए थीं। दरअसल, केंद्रीय मंत्री और गुड़गांव के भाजपा सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने सवाल उठाया था कि धार्मिक यात्रा में तलवार और लाठी-डंडा लेकर कौन जाता है। भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी मेवात में सदियों पुरानी भाई चारे की बात कही है और नूंह हिंसा को गलत ठहराया है।