भारत के बहुत छोटे (माइक्रो), छोटे (स्माल) और मध्यम (मीडियम) दर्जे के कारोबारी किन हालात में अपना बिजनेस चला रहे हैं, उसका अंदाजा इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। इंडियन एक्सप्रेस ने आरटीआई के जरिए प्राप्त रिपोर्ट में कहा है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के उद्योगों को 2020 में कोविड और लॉकडाउन के दौरान जो लोन दिया गया था, उनमें 6 में से एक लोन एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) बन गया। आसान शब्दों में इसे कहना हो तो सरकार ने जो पैसा इन छोटे उद्योगों को जिन्दा रखने के लिए लोन के रूप में दिया था, वो डूब गया। भारत में आर्थिक तरक्की के चाहे जो दावे किए जा रहे हों, लघु और मध्यम उद्योग को संकट में निकाले बिना आर्थिक तरक्की की रफ्तार तेज नहीं हो सकती।