अभिजीत बनर्जी को नोबल पुरस्कार मिला है। वह जेएनयू के छात्र रहे हैं। उन्होंने ग़रीबी हटाने के लिए शोध किया। उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना क्यों की थी? देखिए आशुतोष की बात में जेएनयू के छात्र रहे आशुतोष कैसे देखते हैं अभिजीत को पुरस्कार मिलने को।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।