भारत के पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते गहरे करने और भारत की घेराबंदी करने की चीन की रणनीति अब रंग लाने लगी है। श्रीलंका में हमबनटोटा बंदरगाह को 99 साल की लीज पर लेने के बाद चीन अब नेपाल पर अपनी पदछाप गहरी करने के लिए उसके साथ ढाँचागत विकास की कई परियोजनाओं पर उसकी सहमति ले चुका है। यह सहमति राष्ट्रपति शी जिनपिंग के 12 व 13 अक्टूबर के काठमांडू दौरे में बनी है। 23 साल बाद चीन के किसी शिखर के नेता का नेपाल दौरा इस मायने में सामरिक नज़रिये से भारत के लिए काफ़ी अहम साबित होगा। राष्ट्रपति शी के ताज़ा नेपाल दौरे के बाद जो साझा बयान जारी हुआ है उसमें यह साफ़ उजागर होता है कि अब तक जो प्रस्ताव पिछले कुछ सालों से चर्चा में ही थे उन्हें जल्द से जल्द ज़मीन पर उतारने की कवायद शुरू हो गई है।