नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का यह शपथ-ग्रहण समारोह अपने आप में ऐतिहासिक है, क्योंकि यह ऐसा पहला ग़ैर-कांग्रेसी मंत्रिमंडल है, जो अपने पहले पाँच साल पूरे करके दूसरे पाँच साल पूरे करने की शपथ ले रहा है। पिछले शपथ-ग्रहण समारोह से यह इस अर्थ में भी थोड़ा भिन्न है कि इसमें दक्षेस (सार्क) की बजाय ‘बिम्सटेक’ सदस्य-राष्ट्रों के प्रतिनिधि आए। इसके कारण हमारे तीन पड़ोसी देशों की उपेक्षा हो गई। मालदीव, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान!
मोदी सरकार के इस मंत्रिमंडल के मायने
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- 31 May, 2019

देश की जनता को सरकार, नौकरशाही, पुलिस और फ़ौज से ज़्यादा जोड़नेवाली ताक़त कोई होती है तो वह एक अखिल भारतीय राजनीतिक पार्टी होती है। यह काम जो कांग्रेस करती रही, अब वही बीजेपी करती दिखाई पड़ रही है। एक मज़बूत पार्टी और मज़बूत सरकार भारत को अगले पाँच साल में विश्व-स्तरीय शक्ति बना सकती है।