राहुल गाँधी कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दें या न दें, यह प्रश्न मुझसे कई टीवी चैनलों ने कांग्रेस-कार्यसमिति की बैठक के पहले पूछा तो मैंने कहा कि अगर वह दें तो भी कांग्रेस उसे स्वीकार नहीं करेगी। अब यही हुआ। कांग्रेस अब एक लोकतांत्रिक पार्टी नहीं, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन चुकी है। यदि राहुल का इस्तीफ़ा हो ही जाता तो बताइए कि क्या यह कंपनी विधवा नहीं हो जाती? इसका बोझ कौन उठाता? किस कांग्रेसी नेता की ऐसी हैसियत है कि वह कांग्रेस को चला सके? कांग्रेस में नेता हैं ही कहाँ? सब नौकर हैं, जैसे कि किसी कंपनी में होते हैं।