केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनपीआर के डाटाबेस को असम के अलावा पूरे देश में अपडेट किए जाने की जरूरत है। मंत्रालय ने कहा है कि जन्म, मृत्यु और पलायन के कारण होने वाले बदलावों को शामिल करने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है और इसके लिए सभी परिवारों और लोगों की जानकारियों को इकट्ठा किया जाएगा।
देशभर में एनपीआर को अपडेट करने की जरूरत: गृह मंत्रालय
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- 8 Nov, 2022
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनपीआर को अपडेट किए जाने के पीछे क्या वजह बताई है। बताना होगा कि सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान एनआरसी के साथ ही एनपीआर का भी मुद्दा जोर-शोर से उठा था। तो क्या एनपीआर को लेकर फिर से विरोध शुरू होगा?

गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना महामारी की वजह से एनपीआर को अपडेट करने का काम रोकना पड़ा था।
मंत्रालय के मुताबिक, एनपीआर को लोग खुद भी अपडेट कर सकते हैं। मंत्रालय ने कहा है कि अपडेशन के दौरान किसी भी तरह के दस्तावेज या बायोमीट्रिक्स को इकट्ठा नहीं किया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने इसके लिए 3941 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत कर दिया है।