केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और रामदास अठावले दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में आवाज उठाई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने राज्यों को 15 फीसदी आरक्षण कोटे के हिस्से में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के भीतर उप-समूह बनाने की अनुमति देता है। इन दलों ने जाति जनगणना का समर्थन किया है। जिसकी मांग कांग्रेस समेत सारे विपक्षी दल भी कर रहे हैं।
NDA के दो सहयोगी कोटे पर सुप्रीम जजमेंट के खिलाफ, जाति जनगणना का समर्थन
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- 4 Aug, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया था कि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के भीतर उप-वर्गीकरण ठीक है। राज्यों को भी ऐसा करने का अधिकार है। उसे इस पर ऐतराज नहीं है। यह फैसला उन जातियों के हक में है जिनमें अति पिछड़े लोग हाशिए पर हैं और आरक्षण का लाभ नहीं पा सके हैं। क्योंकि सारा लाभ क्रीमी लेयर ले गई। इस फैसले का दलित संगठनों और दलित नेताओं ने तो विरोध किया ही है। लेकिन शनिवार को मोदी सरकार यानी एनडीए के दो सहयोगियों चिराग पासवान और रामदास आठवले की पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया है। इन दोनों नेताओं ने जाति जनगणना का समर्थन किया है।
