आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को मुसलिम नेताओं से कट्टरवाद के ख़िलाफ़ कड़ा रुख अपनाने का आह्वान किया। उनका यह बयान तब आया है जब यह बहस का मुद्दा है कि अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े पर भारतीय मुसलमानों को क्या प्रतिक्रिया देनी चाहिए। देश में तालिबान को लेकर अलग-अलग टिप्पणियाँ आ रही हैं और उन पर विवाद हो रहा है। कभी नसीरुद्दीन शाह के बयान पर तो कभी जावेद अख़्तर के बयान पर।
भागवत : भारत में मुसलिमों को डरने की ज़रूरत नहीं
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- 7 Sep, 2021
अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े पर बहस के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि मुसलिम समुदाय के समझदार मुसलिम नेताओं को अतिवाद का विरोध करना चाहिए।

दरअसल, जावेद अख़्तर ने तो एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में तालिबान की तुलना आरएसएस और दूसरे हिंदू संगठनों से कर दी थी। उन्होंने कहा था कि तालिबान बेशक बर्बर है, उसकी हरकतें भी निंदनीय हैं लेकिन, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का समर्थन करने वाले सभी एक जैसे हैं। उन्होंने कहा था कि तालिबान एक इसलामी देश चाहता है और ये लोग एक हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं। उनके इस बयान के बाद आरएसएस का राजनीतिक संगठन बीजेपी उनके बयान का जबरदस्त विरोध कर रही है।