मोदी सरकार ने ही आज संसद में कहा है कि पिछले साल सवा दो लाख से ज़्यादा भारतीयों ने भारत की नागरिकता त्याग दी। यह कम से कम पिछले एक दशक में रिकॉर्ड आँकड़ा है। तो सवाल है कि प्रधानमंत्री मोदी के उस सपने का क्या हुआ जो उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से पहले देखा था?