जिस भारत को 'विश्वगुरु' बनाने का अभियान चलता रहा और जिन भारतीयों में राष्ट्रवाद की भावना कूट-कूट कर भरी होने की बात कही जा रही है, उन्हीं में से करोड़पति आख़िर दूसरे देश में क्यों बसना चाहते हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि असम और पूर्वोत्तर भारत में घुसपैठ रोकने के लिए अब तक क्या किया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि एक जनवरी, 1966 से 25 मार्च, 1971 के दौरान असम में आए कितने लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई है।
जिस भारत को 'विश्वगुरु' बनाने का अभियान चल रहा है और जिन भारतीयों में राष्ट्रवाद की भावना कूट-कूट कर भरी होने की बात कही जा रही है, वे आख़िर अपना वतन छोड़कर दूसरे देश में क्यों बसना चाहते हैं?
क्या आपको पता है कि भारत को 'विश्वगुरु' बनाने का दम भरने वाले प्रधानमंत्री मोदी का सपना था कि भारतीय वीजा के लिए अमेरिकी लाइन में खड़े हों? तो भारतीय रिकॉर्ड संख्या में नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं?
गुजरात के दो जिलों में रहने वाले विदेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता देने के मामले में केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करते हुए वहां के जिला कलेक्टरों से कहा है कि वे 1955 के अधिनियम के तहत विदेशी नागरिकों को नागरिकता प्रदान करें।
इतना बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकता छोड़ विदेशों में क्यों बस रहे हैं? क्या माहौल उनके अनुसार नहीं है? जानिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2012 में क्या सपना देखा था।