प्रधानमंत्री बनने से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने 2012 में कहा था कि 'मैं उस दिन का इंतज़ार कर रहा हूँ जब अमेरिकी भारतीय वीजा के लिए कतार में खड़े होंगे।' इसके दो साल बाद ही वह प्रधानमंत्री बन गए और 2014 से लगातार वह इस पद पर हैं। लेकिन इन वर्षों के बाद अब रिपोर्ट यह आई है कि भारत से पिछले तीन वर्षों में 3.9 लाख से अधिक भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है। इसमें से सबसे ज़्यादा भारतीय अमेरिका में बसे। तो सवाल है कि ऐसा क्या हुआ कि सपना अमेरिकी लोगों को भारत में आकर्षित करने का था लेकिन उलटे भारतीय ही अमेरिकी वीजा के लिए कतार में खड़े हैं?
3 साल में 3.9 लाख भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी, पीएम मोदी के सपने का क्या हुआ?
- देश
- |
- |
- 20 Jul, 2022
इतना बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकता छोड़ विदेशों में क्यों बस रहे हैं? क्या माहौल उनके अनुसार नहीं है? जानिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2012 में क्या सपना देखा था।

भारतीयों के नागरिकता छोड़ने की यह ख़बर भारत सरकार ने ही दी है, तो इस पर विवाद की गुंजाइश कम ही है। सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि अमेरिका उन 103 देशों में शीर्ष पसंद के रूप में उभर रहा है जहां प्रवासी भारतीय बस रहे हैं।