क्या सरकारी अस्पतालों की हालत इतनी ख़राब है कि अधिकतर राजनेता निजी अस्पतालों में इलाज कराने को तरजीह दे रहे हैं? या फिर बेहतर सुविधाएँ होने के बावजूद ऐसे लोगों का सरकारी अस्पतालों में भरोसा नहीं है? आख़िर एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जैसे अस्पतालों को छोड़कर नेता निजी अस्पताल क्यों जा रहे हैं? कुछ ऐसे ही सवाल कांग्रेस सांसद शशि थरूर के एक ट्वीट से खड़े होते हैं। उन्होंने देश के गृह मंत्री अमित शाह के निजी अस्पताल में भर्ती होने पर सवाल उठाए हैं और सलाह भी दी है।