क्या सरकारी अस्पतालों की हालत इतनी ख़राब है कि अधिकतर राजनेता निजी अस्पतालों में इलाज कराने को तरजीह दे रहे हैं? या फिर बेहतर सुविधाएँ होने के बावजूद ऐसे लोगों का सरकारी अस्पतालों में भरोसा नहीं है? आख़िर एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जैसे अस्पतालों को छोड़कर नेता निजी अस्पताल क्यों जा रहे हैं? कुछ ऐसे ही सवाल कांग्रेस सांसद शशि थरूर के एक ट्वीट से खड़े होते हैं। उन्होंने देश के गृह मंत्री अमित शाह के निजी अस्पताल में भर्ती होने पर सवाल उठाए हैं और सलाह भी दी है।
मुख्यमंत्रियों से लेकर देश के गृह मंत्री तक निजी अस्पतालों में ही क्यों हो रहे हैं भर्ती?
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- 3 Aug, 2020
क्या सरकारी अस्पतालों की हालत इतनी ख़राब है कि अधिकतर राजनेता निजी अस्पतालों में इलाज कराने को तरजीह दे रहे हैं? या फिर बेहतर सुविधाएँ होने के बावजूद ऐसे लोगों का सरकारी अस्पतालों में भरोसा नहीं है?

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के एम्स जैसे संस्थान के विचार से जुड़े एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए शशि थरूर ने ट्वीट किया, 'बिल्कुल सही। आश्चर्य है कि बीमार होने पर हमारे गृह मंत्री ने एम्स में नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्य के एक निजी अस्पताल में जाना चुना। सार्वजनिक संस्थानों को ताक़तवर लोगों के संरक्षण की ज़रूरत है यदि उनमें जनता के विश्वास को मज़बूत करना है।'