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अमेरिका से 104 'अवैध' प्रवासी भारतीयों को बेड़ियाँ, हथकड़ियाँ लगाकर भेजने का मुद्दा शांत हुआ भी नहीं है कि अमेरिका से 487 और संभावित भारतीयों के निष्कासन का आदेश निकाला गया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या इनको सम्मानजनक रूप से वापस लाने के प्रयास किए जाएँगे? 104 'अवैध' प्रवासी भारतीयों को अमानवीय तरीक़े से अमेरिकी सैन्य जहाज में भेजे जाने के साये में नये सिरे से संदेह जताए जा रहे हैं।
अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने के तौर-तरीक़ों पर संदेह कितना गहरा है, यह इससे समझा जा सकता है कि विदेश मंत्रालय ने अब इस पर ब्रीफ़िंग दी है। अमेरिकी सैन्य जहाज में बेड़ियों, हथकड़ियों में भारतीयों को वापस भेजे जाने के मुद्दे ने देश में तूफ़ान खड़ा कर दिया है। देश में उठे इस विवाद के बीच ही प्रधानमंत्री मोदी 12-13 फ़रवरी को अमेरिकी यात्रा पर जा रहे हैं और राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी मुलाक़ात होनी है। तो क्या अब वापस भेजे जाने वाले अवैध अप्रवासियों को सम्मानजनक निष्कासन हो पाएगा?
इस सवाल का जवाब तो विदेश मंत्रालय ही दे सकता है। इसको समझने के लिए पहले यह जान लीजिए कि विदेश मंत्रालय ने क्या कहा है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका में 487 भारतीय नागरिक ‘अंतिम निष्कासन आदेश’ के तहत हैं। मिस्री ने कहा कि इनमें से 298 लोगों की जानकारी दी गई है और सरकार द्वारा उनका सत्यापन किया जा रहा है। निर्वासित किए गए अवैध भारतीय अप्रवासियों की स्थिति पर चिंताओं का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि दुर्व्यवहार का मुद्दा वैध था।
उन्होंने कहा, '...हम अमेरिकी अधिकारियों से कहते रहे हैं कि निर्वासित लोगों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए।' उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ऐसे किसी भी मामले को उठाना जारी रखेगा जो उसके ध्यान में लाया जाएगा। मिस्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले सप्ताह होने वाली अमेरिका यात्रा के बारे में एक ब्रीफिंग को संबोधित कर रहे थे।
डिपोर्ट होकर आए लोगों ने अपनी व्यथा सुनाई और कहा कि उन्हें बेड़ियों व हथकड़ियों में बांध कर सैन्य विमान से लाया गया। उनको 40 घंटे तक बाथरूम जाने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ी। इस अमानवीय स्थिति के लिए विपक्ष ने मोदी सरकार की आलोचना की।
अमेरिका से भारतीयों को अपराधियों की तरह ज़ंजीरों व हथकड़ियों में बाँधकर अमानवीय रूप से भेजे जाने पर मचे हंगामे के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल की हथकड़ियों और बेड़ियों की याद दिलाई थी। प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा, 'आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडिस समेत देश के अनेक महानुभावों को हथकड़ियां पहनाई गई थी, जंजीरों से बांधा गया था। संसद के सदस्य, देश के गणमान्य नेताओं को हथकड़ियों और जंजीरों से बांधा गया था।'
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी गुरुवार को राज्यसभा में कहा था कि भारतीय नागरिकों को अमेरिका द्वारा अपनाई गई 2012 की नीति के अनुसार हथकड़ी लगाई गई थी। यह सब घटनाक्रम तब घटे हैं जब पीएम मोदी अगले हफ़्ते ही अमेरिका की यात्रा करने वाले हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले सप्ताह 12-13 फरवरी को होने वाली अमेरिका यात्रा के बारे में एक ब्रीफिंग जारी की है। उन्होंने कहा कि भारत ने निर्वासन के बारे में अपनी चिंताओं से अमेरिका को अवगत करा दिया है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि अमेरिका ने सख़्ती के इस्तेमाल से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया के बारे में विदेश मंत्रालय को बता दिया है और ये लंबे समय से चलन में हैं।
पीएम की यात्रा की घोषणा करते हुए विदेश सचिव ने कहा, 'पीएम मोदी ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद अमेरिका का दौरा करने वाले पहले कुछ वैश्विक नेताओं में से होंगे। यह तथ्य कि नए प्रशासन के पदभार ग्रहण करने के बमुश्किल तीन सप्ताह के भीतर ही प्रधानमंत्री को अमेरिका आने का निमंत्रण मिला है, भारत-अमेरिका साझेदारी के महत्व को दिखाता है और यह अमेरिका में इस साझेदारी को मिलने वाले द्विदलीय समर्थन को भी दिखाता है।'
ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान मधुर संबंध साझा करने वाले दोनों नेताओं ने पिछले सप्ताह फोन पर बातचीत की थी। व्हाइट हाउस ने कहा था कि दोनों नेताओं ने आव्रजन, सुरक्षा और व्यापार संबंधों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने ट्रंप को अपना प्रिय मित्र बताते हुए कहा था कि दोनों नेता हमारे लोगों के कल्याण और वैश्विक शांति की दिशा में मिलकर काम करेंगे।
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