एरिक हॉब्सबॉम का प्रसिद्ध कथन है कि (सांप्रदायिक) राष्ट्रवाद के लिए इतिहास उतना ही महत्वपूर्ण है जितनी अफ़ीमची के लिए अफीम।
स्वाधीनता संग्राम में बापू के योगदान को मिटाने की कोशिश?
- विचार
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- 7 Feb, 2025

क्या स्वाधीनता संग्राम में महात्मा गांधी के योगदान को मिटाने की कोशिश की जा रही है? जानें इस पर राम पुनियानी क्या लिखते हैं।
हमारे देश में दक्षिणपंथ तेजी से अपने पंख फैला रहा है। और उतनी ही तेजी से उसके वैचारिक कर्ताधर्ता उसके राजनैतिक एजेंडा के अनुरूप नया इतिहास गढ़ रहे हैं। इस नए इतिहास में कुछ चीज़ों का महिमामंडन किया जा रहा है तो कुछ चीज़ों को दबाया, छुपाया और मिटाया जा रहा है। इस विरूपण के निशाने पर भारतीय के अतीत का प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक दौर तीनों हैं।
मध्यकालीन इतिहास को इसलिए तोड़ा-मरोड़ा गया ताकि यह दिखाया जा सके कि वह इस्लामिक साम्राज्यवाद का दौर था, जिसमें दुष्ट, क्रूर और धर्मांध मुस्लिम राजा शासन करते थे। इसके ज़रिये आज के मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाई गई। प्राचीन भारत को वे देश का स्वर्णकाल बताते हैं। मगर उसके इतिहास से भी छेड़छाड़ करने से वे बाज नहीं आए। उन्हें यह साबित करना था कि आर्य, इस भूमि के मूल निवासी थे।