तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टॉलिन ने पूर्व-आधुनिक इतिहास पर नए शोध के आधार पर कहा है कि पुरातत्वविदों के अनुसार लौह युग सबसे पहले तमिलनाडु में शुरू हुआ था। तमिलनाडु में 5,300 साल पहले लोहा गलाया जाता था। अधिक सटीक अध्ययनों के अनुसार 3345 ईसा पूर्व में इस इलाक़े में सबसे पहले लोहे का इस्तेमाल शुरू हुआ। स्टालिन ने कहा कि यह खोज भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की हमारी समझ को एक नया आयाम देती है। उन्होंने गर्व से कहा, ‘मैं लगातार यह कहता आया हूँ कि भारत का इतिहास तमिलनाडु ने लिखा है’। उनके वक्तव्य से यह साफ़ है कि पुरातात्विक शोध से ऐतिहासिक आख्यान किस हद तक प्रभावित होते हैं। मगर सवाल यह है कि आज हजारों साल बाद इस बात का कितना महत्व होना चाहिए।
आर्य-द्रविड़ का विवाद क्यों, ये ज़मीन किसकी है?
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- 18 Feb, 2025

एमके स्टालिन के एक बयान ने आर्यन-द्रविड़ विवाद पर बहस को फिर से हवा दे दी है। जानिए इसके पीछे का सच और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि।
कई राष्ट्रवादी व नस्लवादी प्रवृत्तियाँ इस आधार पर समाज में अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहती हैं कि ‘वे’ उस देश में सबसे पहले आए थे। श्रीलंका में सिंहलियों एवं तमिल हिन्दुओं के बीच टकराव में तमिल हिन्दू, सिंहली नस्लवादी राष्ट्रवाद के शिकार बने थे। इस राष्ट्रवाद के पैरोकारों का दावा था कि चूँकि सिंहली वहां पहले आए थे इसलिए श्रीलंका उनका है।