भारत में समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बीच केंद्र सरकार ने कुछ ऐसी दलील दे दी कि सुप्रीम कोर्ट ने उसकी तीखी आलोचना की। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने न्यायिक शक्तियों को सीमित करने के लिए दलील के रूप में एक अमेरिकी अदालत के फ़ैसले का ज़िक्र किया।
समलैंगिक शादी: केंद्र ने अमेरिकी कोर्ट की दलीलें क्यों दी? CJI हुए नाराज
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- 26 Apr, 2023
समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने आख़िर अमेरिकी अदालत के फ़ैसले का ज़िक्र क्यों किया? जानिए, सीजेआई ने आख़िर केंद्र की आलोचना क्यों की।

केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने डॉब्स बनाम एक्स में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के विवादास्पद फ़ैसले का ज़िक्र किया था। इस फ़ैसले में वहाँ की अदालत ने यह कहा था कि गर्भपात का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के उस फ़ैसले की आलोचना की गई।